
CJI गवई ने जूता फेंकने की घटना पर चुप्पी तोड़ी, कहा- मेरे लिए भूला हुआ अध्याय
क्या है खबर?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की घटना पर गुरुवार को चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने मामले को भूला हुआ अध्याय बताया है। लाइव लॉ के मुताबिक, अदालत कक्ष में बातचीत के दौरान CJI ने कहा कि सोमवार को जो कुछ हुआ उससे वह और उनके विद्वान भाई बहुत स्तब्ध हैं...लेकिन यह उनके लिए एक भूला हुआ अध्याय है। उनकी टिप्पणी एक चर्चा के दौरान आई, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन भी शामिल थे।
घटना
न्यायमूर्ति उज्जल भुइया काफी नाराज
रिपोर्ट के मुताबिक, घटना से न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां खासे नाराज हैं, जो पीठ का भी हिस्सा थे। उन्होंने घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मेरे अपने विचार हैं। वह भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं, यह कोई मजाक की बात नहीं है! मुझे इसके लिए कोई खेद नहीं है, यह संस्था का अपमान है। न्यायमूर्ति भुइयां CJI के उस फैसले का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने आरोपी वकील राकेश किशोर (71) के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की।
आपत्ति
सॉलीसीटर जनरल ने भी क्षमा के अयोग्य बताया
न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि वर्षों से न्यायाधीशों के रूप में, कई ऐसे काम हुआ हैं, जिन्हें दूसरे लोग उचित नहीं मानते, लेकिन इससे न्यायाधीश द्वारा किए गए कार्यों बारे में हमारी राय नहीं बदलती है। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी वकील राकेश के इस काम को पूरी तरह से क्षमा के अयोग्य बताया है और कहा कि उसे केवल मुख्य न्यायाधीश की उदारता के कारण ही बरी किया गया।
घटना
आरोपी वकील को बार एसोसिएशन ने निलंबित किया
सोमवार 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने अचानक अपना जूता निकाल लिया और उसे CJI गवई की तरफ फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, उसे मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों ने पकड़ लिया। घटना के बाद CJI ने उस पर कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया। आरोपी वकील ने मीडिया में अपने किए पर कोई खेद नहीं जताया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उसे निष्कासित कर दिया है।