CJI चंद्रचूड़ बोले- समलैंगिक विवाह पर फैसला अंतरात्मा की आवाज, अपनी राय पर कायम हूं
क्या है खबर?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह समलैंगिक विवाह को लेकर फैसले में अपनी अल्पमत राय पर कायम हैं।
बार और बेंच के अनुसार, CJI ने यह बात वाशिंगटन के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर और दिल्ली के सोसाइटी फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (SDR) द्वारा सह-आयोजित तीसरी तुलनात्मक संवैधानिक कानून चर्चा में कही।
उन्होंने कहा, "कभी-कभी यह अंतरात्मा की आवाज और संविधान का वोट होता है और मैंने जो कहा, मैं उस पर कायम हूं।"
बयान
और क्या बोले CJI?
CJI चंद्रचूड़ ने फैसले के बारे में बताते हुए कहा, "मैं अल्पमत में था, जहां मेरा मानना था कि समलैंगिक जोड़े अगर एक साथ हैं तो वे गोद ले सकते हैं। मेरे 3 सहयोगियों की राय थी कि समलैंगिक जोड़ों को गोद लेने की अनुमति न देना भेदभावपूर्ण था, लेकिन यह निर्णय लेना संसद का काम है।"
उन्होंने कहा कि समलैंगिक यौन संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के कारण समलैंगिक विवाह के लिए याचिकाएं दायर की गईं।
फैसला
क्या था समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को अपने फैसले में देश में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया। 5 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने 3-2 के बहुमत से ये फैसला सुनाया था।
इस दौरान CJI चंद्रचूड़ और न्यायाधीश एसके कौल ने संसद से समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की दिशा में काम करने को कहा था, वहीं पीठ के बाकी 3 न्यायाधीशों की राय अलग थी।