अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन ने तैनात की अपनी संयुक्त शस्त्र ब्रिगेड- रिपोर्ट
चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास अपनी संयुक्त शस्त्र ब्रिगेड (CAB) तैनात की है। दिसबंर में भारतीय सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में चीनी घुसपैठ को नाकाम कर दिया था, जिसके बाद ये तैनाती हुई है। मंगलवार को विजयदशमी के मौके पर तवांग पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी कि चीन ने इस LAC क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं।
चीन ने ल्होंत्से द्जोंग के रितांग में तैनात की CAB- रिपोर्ट
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि दिसंबर, 2022 में घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के कुछ महीनों के भीतर हीन चीन ने त्सोना द्जोंग के लैंपुग में टकराव स्थल के निकट तैनात अपनी CAB को ल्होंत्से द्जोंग के रितांग में स्थानांतरित कर दिया था। सैन्य अधिकारियों ने रक्षा मंत्री सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे को बुम ला से सीमा पार चीनी सेना की कुछ चौकियां भी दिखाईं।
क्या है CAB?
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) मुख्य रूप से 5 भागों में विभाजित है। इसमें सेना बल, नौसेना बल, वायुसेना बल, रॉकेल बल और सामरिक समर्थन सेना बल शामिल हैं। साल 2020 की अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, PLA ने सभी बलों को मिलाकर एक संयुक्त शस्त्र ब्रिगेड (CAB) बनाई है, जिनकी संख्या 78 के करीब है। प्रत्येक CAB में टैंक, तोपखाने, वायु रक्षा मिसाइलें और अन्य हथियार प्रणालियों के साथ लगभग 5,000 सैनिक होते हैं।
अमेरिका की रिपोर्ट में भी हुई थी LAC पर चीन की बढ़ती गतिविधियों की पुष्टि
हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में भी बताया गया था कि चीन ने LAC से सटे इलाकों में भूमिगत भंडारण सुविधाएं, नई सड़कें, दोहरे उद्देश्य वाले हवाई अड्डे और कई हेलीपैड बनाए हैं। ये काम चीनी सेना की पश्चिमी कमान कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया कि चीन LAC के पास लगातार अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ा रहा है और उसने यहां CAB और अन्य रेजिमेंट को तैनात किया है।
दिसंबर, 2022 में तवांग में हुई थी भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प
पिछले साल 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। उस वक्त भारतीय सैनिकों ने अपनी सामरिक स्थिति का लाभ उठाते हुए चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था। इस घुसपैठ के नाकाम होने के बाद से ही चीन इस क्षेत्र में लगातार अपने उपस्थिति बढ़ा रहा है, ताकि भारत को टक्कर दी जा सके। दरअसल, तवांग में भारतीय सेना ने लगभग आधा दर्जन छोटी चौकियों का नेटवर्क बना रखा है।
तंवाग को लेकर भारत-चीन के बीच क्यों है विवाद?
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सदियों पुराना बौद्ध मंदिर है और चीन इसे तिब्बत के बौद्धों के लिए बेहद अहम मानता है। 1962 के युद्ध में चीन ने तवांग पर कब्जा कर लिया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद उसे पीछे हटना पड़ा था। चीन अरुणाचल को अपना हिस्सा बताता है, जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है। अप्रैल, 2020 में पूर्वी लद्दाख के भारतीय इलाकों में चीनी घुसपैठ के बाद से भारत-चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।