दिल्ली की जामा मस्जिद समेत वक्फ बोर्ड से 123 संपत्ति वापस ले सकती है केंद्र सरकार
केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को वापस लेने के लिए नोटिस जारी किया है। जिन संपत्तियों को वापस लिया जाना है, उनमें दिल्ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद का नाम भी शामिल है। इसके अलावा कई मस्जिद, ईदगाह, दरगाह और कब्रिस्तान के नाम भी शामिल हैं। मंत्रालय ने इस संबंध में दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक अमानुतल्लाह खान को पत्र लिखा है।
UPA सरकार ने दी थी वक्फ को संपत्ति
बता दें कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के दौरान साल 2014 में संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को दिया गया था। इनमें से 61 का स्वामित्व भूमि एवं विकास कार्यालय (LNDO) के पास था और बाकी 62 संपत्तियों का स्वामित्व दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के पास था। 2015 में केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने कहा था कि वो इन संपत्तियों के स्थानांतरण की जांच कराएगी।
वक्फ बोर्ड को कागज पेश करने को कहा
शहरी विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले भूमि एवं विकास कार्यालय ने वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया है, जिसमें बोर्ड से जरूरी कागजात पेश करने को कहा गया है। बोर्ड को बताना होगा कि ये संपत्तियां उसे क्यों दी जानी चाहिए। किसी अन्य द्वारा इन संपत्तियों को तोड़ने और मरम्मत को रोकने के लिए वक्फ बोर्ड ने भी दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।
विश्व हिंदू परिषद ने दायर की थी याचिका
बता दें कि संपत्ति वक्फ बोर्ड को सौंपने के फैसले के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें तर्क दिया गया था कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 48 के तहत बेशकीमती संपत्तियों की पहचान इस तरह कर उन्हें सौपा नहीं जा सकता। तब नोडल अधिकारी आलम फारूकी ने कहा था कि ये 123 संपत्तियां मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों पर बनाई गई थीं।
केंद्र सरकार ने बनाई थी जांच समिति
2016 में सरकार ने जेआर आर्यन नामक सेवानिवृत्त दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई थी। हालांकि, समिति किसी भी ठोस निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रही थी। बाद में 2 सदस्यों की एक समिति और बनाई गई। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली वक्फ बोर्ड को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था, लेकिन उसने निर्धारित समय के भीतर ऐसा नहीं किया।
न्यूजबाइट्स प्लस
वक्फ बोर्ड वो संस्था होती है, जो मुस्लिम धर्म के लिए दान की गई या पीढ़ियों से मुस्लिमों के नाम चल रही संपत्ति की देख-रेख करती है। वक्फ बोर्ड के पास दान दी गई संपत्ति पर कब्जा करने या उसे किसी और को देने का अधिकार होता है। वक्फ बोर्ड में एक अध्यक्ष, राज्य सरकार की ओर से 1-2 नामित सदस्य, मुस्लिम विधायक और सांसद, राज्य बार काउंसिल के मुस्लिम सदस्य और इस्लाम के जानकार होते हैं।