महालक्ष्मी हत्या मामला: शव को महीनों में ठिकाने लगाना चाहता था आरोपी, भाई ने किया खुलासा
बेंगलुरु के महालक्ष्मी हत्या मामले के आरोपी मुक्तिरंजन के भाई सत्यरंजन ने नए खुलासे किए हैं। उसने दावा किया कि मुक्तिरंजन महालक्ष्मी की हत्या करने के बाद उसके शव को फांसी पर लटकाना चाहता था, ताकि ये आत्महत्या का मामला लगे। सत्यरंजन ने दावा किया कि मुक्तिरंजन ने 2-3 महीने बाद शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी। बता दें कि महालक्ष्मी की हत्या के आरोपी बताए जा रहे मुक्तिरंजन ने भी आत्महत्या कर ली है।
सत्यरंजन ने क्या दावा किया?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सत्यरंजन ने कहा, "मेरा भाई मेरे पास बहरामपुर आया। उसने मुझे सारी बात बताई। महिला की हत्या करने के बाद उसने शव को लटकाने की योजना बनाई थी, ताकि यह आत्महत्या का मामला लगे। जब उसकी योजना सफल नहीं हुई तो उसने शरीर के टुकड़े कर दिए और उन्हें फ्रीज में भर दिया। मुक्ति महालक्ष्मी से शादी करना चाहता था, लेकिन महालक्ष्मी ने उसे धोखा दिया, इससे वो तनाव में आ गया था।"
मुक्तिरंजन को धमकी दे रही थी महालक्ष्मी- सत्यरंजन
सत्य ने कहा, "मेरे भाई ने बताया कि महालक्ष्मी उससे पैसे मांग रही थी। वह उसे प्रताड़ित भी कर रही थी। वे दोनों केरल गए थे, जहां उनका झगड़ा हुआ। इसके बाद महालक्ष्मी ने पुलिस को खुद के अपहरण की बात बताई। फिर मेरे भाई को पुलिस ने पीटा और बाद में छोड़ दिया। उसने मुझसे कहा था कि महालक्ष्मी उससे सोने की चेन और 7 लाख रुपये ले चुकी है। वो मेरे भाई को धमकी दे रही थी।"
हत्या के बाद अवसाद में चला गया था मुक्तिरंजन
सत्यरंजन ने कहा, "मेरा भाई महालक्ष्मी को बेरहमी से मारने के बाद अवसाद में चला गया था। उसने मुझे बताया कि जब उसने महालक्ष्मी को मारा और बाद में उसके शव को टुकड़ों में काट दिया, तब वह होश में नहीं था।" बता दें कि मुक्तिरंजन का शव ओडिशा के एक गांव में पेड़ पर लटका मिला था। उसने सुसाइड नोट में महालक्ष्मी की हत्या करना भी स्वीकार किया है।
मुक्तिरंजन ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?
मुक्तिरंजन ने लिखा, "मैं महालक्ष्मी को पसंद करता था, बहुत प्यार करता था, लेकिन वो आए दिन मुझसे झगड़ा करती थी। वो मुझे अपहरण मामले में फंसाने की धमकी दे रही थी। मैं 3 सितंबर को महालक्ष्मी के घर गया था। वो मुझसे बहस करने लगी। बात करते-करते उसने मुझ पर हाथ उठा दिया। मुझे बहुत गुस्सा आया। मैंने उसे मार डाला। गुस्से में मैंने जो कुछ किया, वो गलत था। मैं डर गया था, इसलिए भागकर घर आ गया।"
फ्रीज से बरामद हुए थे शव के 59 टुकड़े
20 सितंबर को बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में बसप्पा गार्डन के पास बने एक मकान से महालक्ष्मी की लाश मिली थी। 3 सितंबर को महालक्ष्मी की हत्या की गई थी और उसके शव के 59 टुकड़े कर फ्रिज में रखे गए थे। मकान में से बदबू आने के बाद मकान मालिक ने महालक्ष्मी की मां और बहन को जानकारी दी थी। जब ये लोग घर में घुसे तो सामान बिखरा पड़ा था और फ्रीज में टुकड़ों में लाश थी।