बांग्लादेश ने संधि का हवाला देकर हसीना को सौंपने की मांग की, भारत ने दिया जवाब
क्या है खबर?
बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के फैसले के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सौंपने का आग्रह किया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हसीना को कोर्ट ने मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराया है, ऐसे में उसे संरक्षण देना कहीं से भी ठीक नहीं होगा। मंत्रालय ने प्रत्यर्पण संधि का हवाला देते हुए कहा कि भारत को हसीना को सौंप देना चाहिए।
बयान
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "आज फैसले में ICT ने जुलाई नरसंहार के लिए शेख हसीना और असदुज्जमां खान कमाल को सजा सुनाई है। मानवता के विरुद्ध अपराधों के दोषी इन व्यक्तियों को शरण देना किसी देश के लिए अमित्रतापूर्ण व्यवहार का गंभीर उदाहरण और न्याय का उपहास होगा। हम भारत सरकार से दोनों को तुरंत बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपने का आग्रह करते हैं। दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत यह भारत का दायित्व भी है।"
फैसला
हसीना को 5 आरोपों में ठहराया गया है दोषी
ICT में 3 न्यायाधीश की पीठ ने कई महीनों की सुनवाई के बाद सोमवार को 453 पन्नों का फैसला पढ़ते हुए हसीना को पिछले साल हुई हिंसा के 5 आरोपों में दोषी ठहराया है। कोर्ट ने हसीना और उनके पूर्व गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल को मौत की सजा सुनाई है। तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को 5 साल जेल की सजा हुई है। हसीना ने फैसले को खारिज कर दिया है और इसे पक्षपाती फैसला बताया है।
बयान
भारत ने बांग्लादेश के आग्रह पर जवाब दिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बांग्लादेश के प्रत्यर्पण के आग्रह पर बयान जारी किया है। मंत्रालय ने कहा, "भारत ने शेख हसीना के संबंध में बांग्लादेश के ICT द्वारा सुनाए गए फैसले पर ध्यान दिया है। एक निकट पड़ोसी के रूप में, भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है। हम इस दिशा में सभी हितधारकों के साथ हमेशा रचनात्मक रूप से जुड़े रहेंगे।"