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बांग्लादेश: शेख हसीना ने ICT के फैसले पर दी प्रतिक्रिया, बताया पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित
शेख हसीना ने ICT के फैसले को बताया पक्षतापूर्ण

बांग्लादेश: शेख हसीना ने ICT के फैसले पर दी प्रतिक्रिया, बताया पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित

Nov 17, 2025
03:23 pm

क्या है खबर?

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) की ओर से उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ICT के फैसले को पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है। इसी तरह उन्होंने फैसले के खिलाफ लड़ाई लड़ने की भी बात कही है। इधर, हसीना की पार्टी अवामी लीग ने देशव्यापी बंद का आह्वान किया है।

प्रतिक्रिया

हसीना ने फैसले पर क्या दी प्रतिक्रिया?

हसीना ने इंडिया टुडे से कहा, "मैं लगाए गए सभी आरोपों से पूरी तरह इनकार करती हूं। यह मुकदमा एक पूर्वनिर्धारित निष्कर्ष था। यह फैसला पूरी तरह से पक्षतापूर्ण और राजनीति से प्रेरित है।" उन्होंने अपनी अनुपस्थिति में की गई इस कार्यवाही की आलोचना करते हुए कहा, "मुझे अदालत में अपना बचाव करने का कोई उचित अवसर नहीं दिया गया है। इसी तरह न ही अपनी पसंद के वकीलों से अपना प्रतिनिधित्व करवाने का मौका दिया गया है।"

फैसला

"फैसले से उजागर हुए निर्लज्ज और जानलेवा इरादे"

हसीना ने कहा, "इस फैसले से बिना किसी लोकतांत्रिक जनादेश वाली अनिर्वाचित सरकार में चरमपंथी लोगों के निर्लज्ज और जानलेवा इरादे उजागर हुए हैं। ICT के न्यायाधीशों और वकीलों ने वर्तमान प्रशासन के प्रति सार्वजनिक रूप से सहानुभूति व्यक्त की है। यह पूरी तरह से धांधली वाला न्यायाधिकरण है।" उन्होंने कहा, "डॉ मोहम्मद यूनुस के अराजक, हिंसक और सामाजिक रूप से प्रतिगामी प्रशासन के तहत काम कर रहे लोग बांग्लादेशियों को मूर्ख नहीं बना सकते हैं।"

निशाना

हसीना ने ICT पर भी साधा निशाना

हसीना ने कहा, "ICT में कुछ भी अंतरराष्ट्रीय नहीं है और न ही यह निष्पक्ष है। ICT ने केवल अवामी लीग के सदस्यों पर मुकदमा चलाया है, जबकि राजनीतिक विरोधियों द्वारा कथित रूप से की गई हिंसा को नजरअंदाज किया है। दुनिया का कोई भी सम्मानित या पेशेवर न्यायविद बांग्लादेश ICT का समर्थन नहीं करेगा।" उन्होंने कहा, "ICT का इस्तेमाल अंतिम निर्वाचित प्रधानमंत्री को पद से हटाने और अवामी लीग को निष्प्रभावी करने के लिए किया जा रहा है।"

आरोप

हसीना ने ये भी लगाए आरोप

हसीना ने अंतरिम सरकार के सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर असंवैधानिक और अतिवादी तत्वों के समर्थन से सत्ता हथियाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासन में छात्रों, कपड़ा मजदूरों, डॉक्टरों और शिक्षकों के विरोध प्रदर्शनों का दमन किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अभियोजकों ने उन्हें सामूहिक हिंसा से जोड़ने वाला कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है। उनकी सरकार की कार्रवाई देश में व्यवस्था बनाए रखने और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार ही की गई थी।

जानकारी

तटस्थ अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुकदमे का सामना करने को तैयार

हसीना ने कहा, "मैं अपने आरोपों का सामना तटस्थ अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में करने से नहीं डरती, जहां साक्ष्यों का निष्पक्ष मूल्यांकन और परीक्षण किया जा सकता है। बांग्लादेश के अंतरिम प्रशासन ने बरी होने के डर से ऐसी जांच का विरोध किया था।

आह्वान

अवामी लीग ने किया देशव्यापी बंद का आह्वान

ICT के फैसले के बाद अवामी लीग ने मंगलवार को बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की है तथा समर्थकों से हड़ताल का आह्वान किया है। इसी तरह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने ICT के फैसले का स्वागत करते हुए इसे न्याय की दिशा में एक कदम बताया। शमा ओबैद ने फैसले को लेकर कहा कि तथ्य और सबूत पहले से ही स्पष्ट थे। संयुक्त राष्ट्र की एक विस्तृत तथ्य खोज रिपोर्ट भी इसका समर्थन करती है।

फैसला

ICT ने क्या सुनाया है फैसला?

न्यायमूर्ति मोहम्मद गोलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायाधिकरण ने 453 पृष्ठों के फैसले को पढ़ने के बाद हसीना और पूर्व गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। इसी तरह तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को 5 साल जेल की सजा सुनाई है। बता दें कि ICT ने मामून को मामले में सरकारी गवाह बनने के कारण राहत दी है।

आरोप

हसीना पर लगे हैं कुल 5 आरोप

हसीना पर कुल 5 आरोप तय हैं। पहले में प्रतिवादियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्य शामिल हैं। दूसरे में प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए घातक हथियारों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों के इस्तेमाल का आदेश देना है। तीसरे में 16 जुलाई को बेगम रोकेया विश्वविद्यालय के छात्र अबू सईद की हत्या, चौथे में 5 अगस्त को चंखरपुल में 6 निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या की साजिश और पांचवें में 5 प्रदर्शनकारियों की हत्याकर जिंदा जलाने का आरोप है।