बांग्लादेश: ICT ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दोषी ठहराया, मौत की सजा सुनाई
क्या है खबर?
बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई, जिसके बाद कोर्ट में तालियां गूंज उठी। न्यायमूर्ति मोहम्मद गोलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायाधिकरण 453 पृष्ठों के फैसले को पढ़ने के बाद यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराया है और कहा कि उनके खिलाफ आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं।
आरोप
पूर्व गृह मंत्री को भी मौत की सजा, IGP को 5 साल की जेल
कोर्ट ने कहा कि हसीना को सिर्फ एक सजा मिल सकती है और वह है मौत की सजा। हसीना के साथ उनके पूर्व गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल को हत्याओं का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई है। तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को 5 साल जेल की सजा हुई है। असदुज़्ज़मान भगोड़ा है जबकि मामून हिरासत में है और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। मामून सरकारी गवाह बना है।
राहत
पीड़ितों को मुआवजा देने का ऐलान
कोर्ट ने जुलाई और अगस्त 2024 में प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले छात्रों को मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही कोर्ट ने शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री को भगोड़ा घोषित किया है। सभी पर 10 जुलाई को आरोप तय हुए और बहस 23 अक्टूबर को समाप्त हुई थी। बता दें कि ICT की स्थापना 2010 में हसीना सरकार ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हुए युद्ध अपराधों पर मुकदमा चलाने के लिए की थी।
फैसला
कोर्ट ने हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया
ICT के न्यायाधीश ने जांच रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि शेख हसीना सरकार ने एक डॉक्टर को धमकाया और छात्र कार्यकर्ता अबू सईद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट 4 से 5 बार बदलवाई। आरोप है कि 16 जुलाई 2024 को पुलिस की गोलीबारी में छात्र कार्यकर्ता अबू सईद की मौत ने शेख हसीना को हटाने के लिए छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन को तेज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हसीना इन हत्याओं की मास्टरमाइंड थीं, जिसमें प्रदर्शनकारियों के शव जलाए गए।
आरोप
हसीना पर लगे हैं कुल 5 आरोप
हसीना पर कुल 5 आरोप तय हैं। पहले में प्रतिवादियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्य शामिल हैं। दूसरे में प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए घातक हथियारों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों के इस्तेमाल का आदेश देना है। तीसरे में 16 जुलाई को बेगम रोकेया विश्वविद्यालय के छात्र अबू सईद की हत्या, चौथे में 5 अगस्त को चंखरपुल में 6 निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या की साजिश और पांचवें में 5 प्रदर्शनकारियों की हत्याकर जिंदा जलाने का आरोप है।
मुकदमा
हसीना ने मुकदमे को अवैध बताया
हसीना ने आवामी लीग के फेसबुक पेज पर फैसले से पहले अपने समर्थकों से अंतरिम सरकार का विरोध करने का आग्रह किया। उन्होंने अपने संदेश में ICT को "कंगारू अदालत" कहा और मोहम्मद यूनुस को "अतिक्रमणकारी" बताया, जिसने निर्वाचित प्रतिनिधियों को जबरन हटाया है। उन्होंने कहा, "मुख्य अभियोजक के सभी आरोप झूठे हैं। हमने विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है। मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश के लोग इसे पूरा करेंगे और सूदखोरों, हत्यारों, उग्रवादियों, यूनुस और उसके साथियों को परास्त करेंगे।"
प्रदर्शन
हसीना के घर के बाहर बुलडोजर लेकर खड़े प्रदर्शनकारी
उधर, कोर्ट में शेख हसीना के खिलाफ फैसला सुनाया जा रहा था, दूसरी तरफ धानमंडी स्थित आवास के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए और लोग बुलडोजर लेकर पहुंच गए। फैसले के बाद प्रदर्शनकारी हसीना का आवास गिराना चाहते थे। हालांकि, यहां पुलिस तैनात है। ढाका में तनाव अभी भी बना हुआ है। बता दें, हसीना के बेटे और सलाहकार सजीब वाजेद ने ICT की सुनवाई को लेकर अंदेशा जताया था कि कोर्ट उन्हें मौत की सजा सुना सकता है।