लखीमपुर हिंसा: आशीष मिश्रा के खिलाफ चलेगा मुकदमा, कोर्ट ने खारिज की नाम हटाने की याचिका
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में मुकदमा चलेगा।
कोर्ट ने आज मुकदमे से उनका नाम हटाने की आशीष की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि कल यानि मंगलवार को उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।
आशीष अभी जेल में बंद हैं और उन पर गवाहों पर हमला कराने के आरोप लगते रहते हैं।
लखीमपुर हिंसा
क्या है लखीमपुर हिंसा का पूरा मामला?
लखीमपुर में पिछले साल 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।
बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
गिरफ्तारी
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद गिरफ्तार किए गए थे आशीष
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद 9 अक्टूबर, 2021 को मामले में आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार पर आशीष को बचाने का प्रयास करने के आरोप भी लगे थे और सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से असंतुष्टि जताई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर रिपोर्ट के लिए हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट के रिटायर जज राकेश कुमार जैन की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का भी गठन किया था।
चार्जशीट
चार्जशीट में आशीष को मुख्य आरोपी बता चुकी है SIT
मामले की जांच कर रहा उत्तर प्रदेश पुलिस का विशेष जांच दल (SIT) मार्च, 2022 में लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर चुका है। इस चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था।
चार्जशीट के अनुसार, घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था, जबकि उसने घटनास्थल से दूर होने का दावा किया था।
इससे पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि आशीष मिश्रा की लाइसेंसी राइफल से गोली चली थी।
जमानत
लगभग ढाई महीने जमानत पर बाहर रहे थे आशीष
आशीष मामले में लगभग ढाई महीने जमानत पर भी बाहर रह चुके हैं। 10 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत को खारिज कर दिया, जिसके बाद 24 अप्रैल को उन्होंने जेल में सरेंडर कर दिया।
विपक्षी पार्टियां और किसान संगठन आशीष के पिता अजय मिश्रा का इस्तीफा भी मांग चुके हैं और इसके लिए एक मुहिम भी चलाई गई थी।