30 लाख का इनामी नक्सली दिनेश गोप नेपाल से गिरफ्तार, 15 सालों से थी तलाश
क्या है खबर?
प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के चीफ दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया गया है। झारखंड पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर दिनेश को गिरफ्तार किया।
दिनेश पर NIA ने 5 लाख और झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। झारखंड पुलिस 15 साल से दिनेश की तलाश कर रही थी।
उस पर राज्य के विभिन्न जिलों में 100 से अधिक मामले दर्ज हैं।
नेपाल
नेपाल से हुई गिरफ्तारी
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों ने मिलकर ऑपरेशन का अंजाम दिया है।
कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस को खबर मिली थी कि दिनेश नेपाल के काठमांडू में छिपा हुआ है। इसके बाद संयुक्त ऑपरेशन चलाकर दिनेश को गिरफ्तार किया गया।
खबर है कि दिनेश नेपाल में हूलिया बदलकर रह रहा था। उसने असली पहचान छिपाने के लिए पगड़ी पहनकर सिख की तरह वेशभूषा धारण कर रखी थी।
मामले
दिनेश पर दर्ज हैं 100 से अधिक मामले
दिनेश पर झारखंड के अलग-अलग जिलों में 100 से भी अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सुरक्षाबलों पर हमला करने, अवैध वसूली करने, हत्या, टेरर फंडिंग और धमकी देने के आरोप हैं।
दिनेश का खूंटी, रांची, सिमडेगा, गुमला, चाईबासा और लोहरदगा जिले में आतंक था।
बताया जा रहा है कि दिनेश का एक बार पुलिस से मुठभेड़ में सामना हो चुका है, लेकिन वो घने जंगलों का सहारा लेकर भाग निकलने में कामयाब रहा।
दिनेश
कौन है दिनेश गोप?
दिनेश झारखंड के खूंटी जिले के लापा मोरहाटोली गांव का रहने वाला है।
बताया जाता है कि साल 2000 में दिनेश के भाई सुरेश की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। इसके बाद दिनेश झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (JLT) नामक एक उग्रवादी संगठन से जुड़ गया।
यही संगठन आगे चलकर साल 2003 में PLFI बना और मुकेश इसका सरगना बना। 2013 में इस संगठन के सदस्यों की संख्या 150-300 के बीच बताई जाती थी।
हथियार
विदेशों से मंगवाता था हथियार
दिनेश AK 47 जैसे आधुनिक हथियारों से वारदातों को अंजाम देता था। जांच में खुलासा हुआ था कि दिनेश पाकिस्तान, चीन, बेल्जियम और स्कॉटलैंड से उम्दा किस्म के हथियार मंगवाता था।
इन्हीं हथियारों से संगठन के लोग वारदातों को अंजाम देते थे।
इसी साल पुलिस ने PLFI के कमांडर सुखराम गुड़िया को गिरफ्तार किया था। सुखराम के पास से पुलिस को जर्मनी निर्मित HK33 असॉल्ट रायफल बरामद हुई थी, जबकि भारत में यह बंदूक प्रतिबंधित है।
काम
कैसे काम करता है संगठन?
PLFI की कार्यशैली किसी संगठित उग्रवादी संगठन की तरह ही है। दिनेश की नजर छोटे-मोटे अपराधियों पर रहती थी। ऐसे अपराधियों को दिनेश संगठन से जोड़कर उन्हें हथियार उपलब्ध कराता था। एक निश्चित राशि देने का वादा लेकर ऐसे अपराधियों को कमांडर बना दिया जाता था।
इन कमांडरों को वसूली करने की खुली छूट होती थी। ये कमांडर दिनेश के नाम पर वारदातों को अंजाम देते थे।
पत्नियां
दिनेश की दो पत्नियां पहले ही गिरफ्तार
दिनेश की दो पत्नियों हीरा देवी और शकुंतला कुमारी की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। झारखंड पुलिस ने 2020 में ही हीरा देवी और शकुंतला कुमारी को गिरफ्तार किया था। दोनों पर टेरर फंडिंग का आरोप था।
दिनेश खौफ के दम पर लूटी गई संपत्ति का इस्तेमाल स्कूल और धर्मशाला बनाने के साथ गरीबों की शादियों में करता था। इससे वह ग्रामीणों के बीच खुद को मसीहा के तौर पर पेश करता था।