जम्मू-कश्मीर से हटाएंगे AFSPA, सेना भी वापस बुलाई जाएगी- अमित शाह
जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में लागू सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को हटाने पर विचार कर रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार जम्मू-कश्मीर से सैनिकों को वापस बुलाने और यहां की कानून व्यवस्था जम्मू-कश्मीर पुलिस पर छोड़ने की योजना भी बना रही है। एक इंटरव्यू के दौरान शाह ने ये बातें कही।
क्या बोले शाह?
शाह ने कहा, "हमारी योजना सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था को जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले करने की है। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर पुलिस को क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की पूरी जिम्मेदारी सौंपना है। पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भरोसा नहीं किया जाता था, लेकिन आज वे अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। हम AFSPA हटाने के बारे में भी सोचेंगे।" शाह ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में जम्मू-कश्मीर पुलिस की बढ़ी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना भी की।
विधानसभा चुनावों को लेकर शाह ने क्या कहा?
शाह ने कहा कि सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने कहा, "पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों में OBC आरक्षण दिया गया। हमने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए जगह बनाई है। गुज्जर और बकरवालों की हिस्सेदारी कम किए बिना पहाड़ियों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से विस्थापित लोगों को समायोजित करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।"
शाह बोले- PoK हमारा, वहां के हिंदू भी, मुसलमान भी
शाह ने कहा कि भाजपा और पूरी संसद का मानना है कि PoK भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा, "PoK में रहने वाले हिंदू और मुस्लिम दोनों ही भारतीय हैं। जिस जमीन पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया है, वो भारत की है। इसे वापस पाना हर भारतीय और कश्मीरी का लक्ष्य है।" शाह ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से पाकिस्तान की साजिशों से दूर रहने का आह्वन भी किया।
न्यूजबाइट्स प्लस
AFSPA यानी सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम। इसे ब्रिटिश सरकार ने क्रांतिकारियों के आंदोलनों को कुचलने के लिए लागू किया था। भारत के आजाद होने के बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राज्यों की स्थिति को देखते हुए इसे जारी रखने का फैसला लिया। सुरक्षाबलों को AFSPA के तहत कई विशेष अधिकार मिलते हैं। सुरक्षाबल कानून तोड़ने वाले किसी व्यक्ति पर बल प्रयोग कर सकते हैं और यहां तक कि गोली भी चला सकते हैं।