सिंगापुर के बाद अमेरिका ने सेमीकंडक्टर को बढ़ावा देने के लिए भारत से समझौता किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले वाशिंगटन ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला के अवसरों का पता लगाने के लिए भारत के साथ एक नई साझेदारी की घोषणा की है। इसके तहत भारत के मौजूदा सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र, नियामक ढांचे, कार्यबल और बुनियादी ढांचे की जरूरतों का व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा। अमेरिका का कहना है कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को मजबूत करने और विकसित करने के लिए समझौता संभावित भविष्य की संयुक्त पहलों के लिए आधार का काम करेगा।
अमेरिकी विदेश विभाग ने जारी किया बयान
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय के 'भारत सेमीकंडक्टर मिशन' के साथ साझेदारी करेगा, ताकि 2022 के चिप्स अधिनियम द्वारा बनाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा और नवाचार (ITSI) कोष के तहत वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने और विविधता लाने के अवसरों का पता लगाया जा सके। विभाग ने कहा कि यह साझेदारी अधिक लचीली, सुरक्षित और टिकाऊ वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला बनाने में मदद करेगी।
क्या है भारत सेमीकंडक्टर मिशन?
केंद्र सरकार ने 'भारत सेमीकंडक्टर मिशन' को 2021 में 76,000 करोड़ रुपये की चिप प्रोत्साहन योजना के साथ लॉन्च किया था। इसके तहत केंद्र सरकार ने संयंत्र की पूंजीगत व्यय लागत का आधा हिस्सा सब्सिडी के रूप में देने की पेशकश की। गुजरात में इसका संयंत्र स्थापित होगा। साथ ही केंद्र 5 इकाईयों को मंजूरी दे चुका है। वैश्विक चिप उद्योग पर बहुत कम देशों की कंपनियों का वर्चस्व है और भारत इस महंगी दौड़ में देर से शामिल हुआ।
इसी महीने अमेरिका जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के 21-24 सितंबर तक क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन, भविष्य शिखर सम्मेलन और प्रवासी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं। पिछले हफ्ते सिंगापुर दौरे पर मोदी ने उसके साथ सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे।