
ज्ञानवापी विवाद: पूजा की याचिका सुनवाई योग्य, हाई कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की याचिका
क्या है खबर?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में नियमित पूजा की मांग करने वाली 5 हिंदू महिलाओं की याचिका सुनवाई योग्य है।
कोर्ट ने इस संबंध में वाराणसी जिला कोर्ट द्वारा पिछले साल 12 सितंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दाखिल अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति (AIMC) की याचिका को खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट के जस्टिस जेजे मुनीर ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दिसंबर में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दलील
मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में क्या दलील दी थी?
मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में कहा था कि मस्जिद में पूजा की इजाजत मांगने वाली हिंदू महिलाओं की याचिका पर कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता है।
उसने कहा था कि यह उपासना स्थल अधिनियम, 1991 का उल्लंघन है क्योंकि 15 अगस्त, 1947 के बाद किसी भी पूजास्थल के धार्मिक स्वरूप को बदलने और इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
समिति ने मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे को भी गलत बताया था।
पक्ष
हिंदू पक्ष ने फैसले को बताया ऐतिहासिक
हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को ऐतिहासिक बताया है। वकील हरि शंकर जैन ने कहा, "यह फैसला काफी महत्वपूर्ण है और यह मील का पत्थर शामिल होगा। मुझे उम्मीद है कि वह दिन दूर नहीं है जब हम एक भव्य शिव मंदिर वहां बनाएंगे और वर्तमान ढांचा वहां से हटेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक जांच के लिए अर्जी दाखिल की है, जिससे साबित हो जाएगा यह परिसर हिंदुओं का है।"
पक्ष
पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष के वकील मोहम्मद तौहीद खान ने हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह हिंदू पक्ष के लिए कोई बड़ी जीत नहीं है क्योंकि कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की केवल ऑर्डर 7 रूल CPC याचिका पर फैसला सुनाया है।"
उन्होंने कहा, "हम पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं और सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं। आदेश पढ़ने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।"
याचिका
क्या है हिंदू महिलाओं की पूजा की मांग करने वाली याचिका?
हिंदू महिलाओं ने अपनी याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की नियमित पूजा करने की इजाजत मांगी है। दरअसल, अभी साल में केवल एक बार पूजा की अनुमति है।
उन्होंने मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान मिले कथित शिवलिंग की पूजा करने की इजाजत भी मांगी है।
हिंदू पक्ष ने इस संरचना की लंबाई और चौड़ाई पता करने के लिए वीडियो सर्वे का अनुरोध भी किया है।
विवाद
न्यूजबाइट्स प्लस
ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित विवाद सदियों पुराना है।
हिंदू पक्ष का दावा है कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल बादशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है।
दूसरी तरह मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और यह अलग जमीन पर बनी हुई है।