करोड़ों के घोटाले में शामिल था अल-फलाह विश्वविद्यालय का संस्थापक, जेल भी गया; कौन है जवाद?
क्या है खबर?
दिल्ली में हुए कार धमाके के बाद से हरियाणा में स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय सुर्खियों में है। धमाके में जिन डॉक्टरों की भूमिका बताई जा रही है, वो इसी विश्वविद्यालय में काम करते थे। कुछ और संदिग्धों का भी विश्वविद्यालय से संबंध निकला है। इस विश्वविद्यालय का संचालन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट करता है, जिसके अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी है। जवाद का अतीत विवादित रहा है। आइए जवाद के बारे में जानते हैं।
विश्वविद्यालय
सबसे पहले विश्वविद्यालय के बारे में जानिए
अल-फलाह विश्वविद्यालय फरीदाबाद के धौज गांव में करीब 76 एकड़ में बना हुआ है। इसकी शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में हुई थी। 2013 में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से 'A' कैटेगरी की मान्यता प्राप्त हुई। 2014 में हरियाणा सरकार ने इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। विश्वविद्यालय के 3 शैक्षणिक संस्थान और परिसर में 650 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी है। यहां कम पैसों में इलाज किया जाता है।
परिचय
कौन है जवाद अहमद सिद्दीकी?
जवाद अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक हैं। वे अल-फलाह समूह के अंतर्गत आने वाली 10 से ज्यादा कंपनियों के निदेशक भी हैं। उनका जन्म 15 नवंबर, 1964 को मध्य प्रदेश में हुआ था और शुरुआती जीवन महू (डॉक्टर अंबेडकर नगर) में गुजरा। उनके पिता मोहम्मद हम्माद सिद्दीकी महू के शहर काजी रह चुके हैं। उन्होंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से इंडस्ट्रियल और प्रोडक्ट डिजाइन में बीटेक किया। जवाद की पढ़ाई को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं है।
घोटाला
चिट फंड घोटाले में आया था नाम
बताया जाता है कि जवाद ने महू में सालों पहले एक चिटफंड कंपनी शुरू की थी। इसमें लोगों को पैसा डबल करने का झांसा दिया गया। जवाद के पिता शहर काजी थे, इसलिए लोगों ने भरोसा भी कर लिया। कहा जाता है कि जवाब के पास करीब 100 करोड़ रुपये इकट्ठे हो गए थे। जब लोगों ने शिकायत की और गड़बड़ी सामने आई तो 2001 में जवाद रातोंरात महू छोड़कर फरीदाबाद जा बसा।
जेल
निवेश घोटाले में 3 साल जेल में रहा जवाद
इंडिया टुडे के मुताबिक, जवाद ने 1993 में जामिया मिलिया इस्लामिया में पढ़ाना शुरू किया। यहां भी उसने अपने कुछ साथियों को भारी मुनाफे का वादा कर निवेश का झांसा दिया। साल 2000 में केआर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में जवाद के अल फहद इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के खिलाफ FIR दर्ज कराई। इस मामले में जवाद गिरफ्तार हुआ और अपने भाई के साथ करीब 3 साल तक जेल में भी रहा।
कॉलेज
1997 में इंजीनियरिंग कॉलेज से हुई शुरुआत
जवाद ने 1997 में सबसे पहले एक इंजीनियरिंग कॉलेज से शुरुआत की। 2010 में इसे NAAC से A ग्रेड मिला। 2014 में इसे हरियाणा सरकार की ओर से विश्वविद्यालय की मान्यता मिल गई। 2019 में मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ। विश्वविद्यालय के वर्तमान रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद परवेज हैं और डॉक्टर भूपिंदर कौर आनंद इसकी कुलपति हैं। विश्वविद्यालय का कहना है कि संदिग्ध डॉक्टरों से ड्यूटी के अलावा उनका कोई संबंध नहीं है और परिसर में कोई विस्फोटक स्टोर नहीं किया गया।