LOADING...
वायुसेना 80 सुखोई विमानों को करेगी अपग्रेड, आधुनिक रडार और कॉकपिट से लैस होंगे
वायुसेना सुखोई विमानों को अपग्रेड करने की योजना बना रही है

वायुसेना 80 सुखोई विमानों को करेगी अपग्रेड, आधुनिक रडार और कॉकपिट से लैस होंगे

लेखन आबिद खान
Oct 26, 2025
09:47 am

क्या है खबर?

पिछले महीने मिग-21 विमानों की सेवानिवृत्ति के बाद वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या केवल 29 रह गई है। इसी वजह से सरकार सुखोई Su-30MKI विमानों को अपग्रेड करने की योजना बना रही है। अपग्रेड के बाद ये विमान करीब 20 साल और सेवाएं दे सकेंगे। इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि इस प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय द्वारा विचार किया जा रहा है और इसे जल्द सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) के पास भेजा जा सकता है।

रिपोर्ट

80 विमानों को किया जाएगा अपग्रेड

अखबार से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, "प्रस्ताव को डिजाइन और विकास चरण के लिए जल्द ही CCS को मंजूरी के लिए भेजने के प्रयास जारी हैं। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 80 विमानों का उन्नयन किया जाएगा।" अधिकारियों ने बताया कि CCS की मंजूरी मिलते ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विमान के प्रारंभिक परिचालन मंजूरी संस्करण को 5 वर्षों में और अंतिम परिचालन मंजूरी संस्करण को 7 वर्षों में पूरा करने की समय-सीमा तय की है।

अपग्रेड

विमानों में क्या-क्या अपग्रेड किया जाएगा?

विमानों में नया कॉकपिट, एवियोनिक्स, रडार, IR सेंसर, जैमर पॉड्स सहित एक नया इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट शामिल किया जाएगा। विमानों में गैलियम नाइट्राइड बेस्ड AESA रडार लगाया जाएगा, जो लंबी दूरी के लक्ष्यों को ट्रैक करने और जैमिंग-रेसिस्टेंट क्षमताओं से लैस है। कॉकपिट में नई पीढ़ी के टच वाइडस्क्रीन डिस्प्ले, लेटेस्ट मिशन कंट्रोल कंप्यूटर और वॉयस-एक्टिवेटेड सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके अलावा स्वदेशी हथियार भी लगाए जाएंगे। इनमें अस्त्रा Mk-1 और Mk-2, अस्त्रा MkIII और ब्रह्मोस-A सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल हैं।

जरूरत

विमानों को अपग्रेड करने की क्यों पड़ रही है जरूरत?

यह खबर ऐसे वक्त सामने आई है, जब वायुसेना के पास लड़ाकू स्क्वाड्रन स्वीकृत क्षमता से कम है। फिलहाल वायुसेना के पास 42 लड़ाकू स्क्वाड्रनों की स्वीकृत क्षमता है, लेकिन केवल 29 ही हैं। वायुसेना को अभी तक HAL से 83 हल्के लड़ाकू विमानों तेजस Mk1A की डिलीवरी भी नहीं मिली है। कुछ ही समय पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा खरीद परियोजनाओं में देरी पर चिंता भी जताई थी।

प्लस

न्यूजबाइट्स प्लस

भारत ने 1990 के दशक में रूस से सुखोई विमानों के लिए समझौता किया था। 2 इंजन वाला यह विमान 2,100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से एक बार में 3,000 किलोमीटर तक उड़ सकता है। इसमें 12 हार्ड प्वाइंट है, जिनमें 8,000 किलो वजनी हथियार लगाए जा सकते हैं। इसे ब्रह्मोस मिसाइलों से भी लैस किया गया है। ये अधिकतम 56,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। भारतीय वायुसेना के पास सबसे ज्यादा विमान सुखोई ही हैं।