
बिहार की तरह पूरे देश में होगा मतदाता सूची पुनरीक्षण, चुनाव आयोग जल्द जारी करेगा शेड्यूल
क्या है खबर?
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विवाद अभी थमा नहीं है कि चुनाव आयोग ने बड़ा ऐलान कर दिया है। आयोग ने कहा है कि बिहार की तरह पूरे देश में SIR की प्रक्रिया की जाएगी। इसके लिए जल्द आदेश जारी किया जा सकता है। आयोग ने कहा कि यह फैसला मतदाता सूची की शुद्धता, सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
शेड्यूल
जल्द जारी किया जाएगा शेड्यूल
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण पर अपने 24 जून के आदेश में कहा, "आयोग ने मतदाता सूचियों की अखंडता की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक जनादेश के निर्वहन हेतु अब पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू करने का निर्णय लिया है। देश के बाकी हिस्सों में SIR के लिए कार्यक्रम यथासमय जारी किया जाएगा।" बता दें कि बिहार में SIR के लिए आदेश 24 जून को जारी किया गया था।
बिहार
बिहार में पहले से जारी है प्रक्रिया
24 जून को आयोग ने आदेश जारी कर बिहार में SIR का निर्देश दिया था। प्रक्रिया के तहत 25 जून से 26 जुलाई तक लोगों से दस्तावेज और फॉर्म जमा करने को कहा गया है। इसके बाद 25 सितंबर तक दावों और आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी की जाएगी। नाम हटने या गलत नाम जुड़ने पर एक सितंबर तक कोई भी मतदाता या राजनीतिक पार्टी आपत्ति दर्ज करा सकती है।
विरोध
सड़क से लेकर संसद तक प्रक्रिया का विरोध
विपक्षी पार्टियां इस प्रक्रिया को अलोकतांत्रिक और मतदाताओं से मतदान का अधिकार छीनने की साजिश बता रही हैं। इसी वजह से ये पार्टियां सड़क से लेकर संसद तक प्रक्रिया का विरोध कर रही है। बीते दिनों इसके विरोध में विपक्ष ने बिहार बंद का ऐलान किया था। राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने मार्च भी निकाला था। वहीं, संसद के मानसून सत्र के दौरान भी इसे लेकर खूब हंगामा हो रहा है।
आयोग
विरोध पर आयोग का क्या कहना है?
आयोग का कहना है कि ये नियमित प्रक्रिया है, ताकि मतदाता सूची से दोहरे, मृत और पलायन कर चुके लोगों के नाम हटाए जा सके। चुनाव आयोग ने बीते दिनों कहा था, "क्या विरोध से डरकर आयोग को उन लोगों का रास्ता साफ कर देना चाहिए, जो मृत मतदाताओं के नाम पर फर्जी मतदान करते हैं? जो मतदाता स्थायी तौर पर पलायन कर गए हैं, जो मतदाता फर्जी या विदेशी हैं, क्या उन्हें संविधान के खिलाफ जाकर मतदान करने दें?"
SIR
क्या है SIR?
आयोग मतदाता सूची में 3 तरह से सुधार करता है। एक समरी रिवीजन, दूसरा गहन पुनरीक्षण और तीसरा विशेष संशोधन। गहन पुनरीक्षण एक तरह से नई मतदाता सूची बनाने का काम है। इसके लिए घर-घर जाकर लोगों की गणना की जाती है फिर निर्धारित दस्तावेजों के निरीक्षण के बाद उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। आजादी के बाद देश में पहले भी कई बार ये प्रक्रिया हुई है।