अतीक अहमद के शरीर से मिलीं कम से कम 9 गोलियां, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था। इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला है कि अतीक को कम से कम 9 गोलियां लगी थीं, जबकि अशरफ को 5 गोलियां लगी थीं। उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में हुए इस हत्याकांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है।
पुलिस हिरासत में हुई थी दोनों की हत्या
शनिवार को देर रात अतीक और उसके भाई अशरफ को 17 पुलिसकर्मियों की टीम प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जा रही थी। इस बीच मीडियाकर्मी के रूप में आए तीन लोगों ने गोली मारकर दोनों की हत्या कर दी। ये पूरी घटना मीडियाकर्मियों के कैमरों में भी रिकॉर्ड हो गई। इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले 3 हमलावरों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
5 डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमॉर्टम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अतीक और अशरफ के शवों का 5 डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। इस दौरान गैंगस्टर अतीक के शरीर में कम से कम 9 गोलियों के निशान पाए गए। अतीक को एक गोली सीधे सिर पर और 8 गोलियां छाती और पीठ पर मारी गई थीं, जबकि उसके भाई अशरफ के शरीर से 5 गोलियां बरामद की गईं। इस पोस्टमॉर्टम की कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी करवाई गई है।
हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
पुलिस हिरासत में हुए इस हत्याकांड को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस हत्याकांड की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कोर्ट के सेवानिवृत न्यायधीशों की निगरानी में जांच की मांग की गई है। इसके साथ ही साल 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीशों की निगरानी में विशेषज्ञ समिति से कराने की मांग भी की गई है।
किसने दायर की याचिका?
सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी की ओर से यह याचिका दायर की गई है, जिसमें अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए एक पैनल गठित करने की मांग की गई है। साथ ही इस याचिका में साल 2020 विकास दुबे मुठभेड़ मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की गई है। हालांकि, इससे पहले अतीक की सुरक्षा को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था।