
तमिलनाडु में बारिश से 31 मौत, केंद्र ने दी 900 करोड़ रुपये की मदद- वित्त मंत्री
क्या है खबर?
तमिलनाडु में भारी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारी बारिश के कारण तमिलनाडु के 4 जिलों में 31 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु के लोगों की लगातार मदद कर रही है और इस वित्तीय वर्ष में केंद्र ने राज्य को 2 किस्तों में 900 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
बयान
बाढ़ के बारे में वित्त मंत्री ने क्या बताया?
सीतारमण ने कहा, "चेन्नई के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के पास 3 डॉप्लर सहित अत्याधुनिक उपकरण हैं। उसने 12 दिसंबर को ही पूर्वानुमान जताया था कि 17 दिसंबर को 4 जिलों- तेनकासी, कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन में भारी बारिश होगी।" उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा, "जब तमिलनाडु में इतनी बड़ी आपदा आ रही थी, तब मुख्यमंत्री INDIA गठबंधन के साथ दिल्ली में मौजूद थे।"
शिविर
राहत शिविरों में 12,000 से अधिक लोग
बाढ़ की वजह से 4 जिलों में हालत बेहद खराब हैं। यहां सड़कों पर पानी भर चुका है और कई मकान भी डूब चुके हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के साथ ही वायुसेना के जवान भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। अब तक 12,653 लोगों को 14 राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। भारतीय सेना ने 7 हेलिकॉप्टर के जरिए 3.2 टन राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित इलाकों तक पहुंचाई है।
रिकॉर्ड
बारिश ने 152 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
मुख्यमंत्री स्टालिन ने 19 दिसंबर को बताया था कि कुछ जगहों पर साल 1871 के बाद से अब तक की सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। थूथुकुडी जिले के कयालपट्टिनम में 17-18 दिसंबर के बीच 24 घंटे में 932 मिलीमीटर बारिश हुई है। तिरुनेलवेली, तेनकासी और कन्याकुमारी में भी 670 से 932 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। लगभग 40 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राज्य में दीवार गिरने और करंट लगने से भी मौतें हुई हैं।
मदद
स्टालिन ने केंद्र से मांगी थी मदद
बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख बचाव कार्य के लिए और हेलिकॉप्टर की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि सड़कें जलमग्न होने के कारण लोगों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है, इस वजह से हेलिकॉप्टर की जरूरत है। स्टालिन ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। राज्य के मुख्य सचिव ने भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान को भी 'गलत' बताया था।