#NewsBytesExclusive: मेटावर्स में कैसा होगा सिनेमा का भविष्य?
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी ने पांव पसारे हैं, फिल्ममेकिंग में भी तकनीक का हस्तक्षेप बढ़ा है। मेटावर्स भी एक तकनीक है। यह एक वर्चुअल दुनिया है, जिससे लगातार नए यूजर्स जुड़ रहे हैं। ऐसे में मनोरंजन जगत इससे कैसे अछूता रह सकता है। मेटावर्स में फिल्मी दुनिया अपनी नई संभावनाएं तलाश रही हैं। इन्हीं संभावनाओं को टटोलते हुए न्यूजबाइट्स हिंदी ने ट्रेस नेटवर्क लैब्स के CEO लोकेश राव से बातचीत की है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
आखिर कहां से आया मेटावर्स टर्म?
मेटावर्स टर्म सबसे पहले नील स्टीफेंशन की ओर से 1992 में उनके नॉवेल 'स्नो क्रैश' में दिया गया था। नील ने एक वर्चुअल दुनिया का जिक्र किया था, जहां लोग अवतारों के तौर पर एक-दूसरे से मिल सकते थे।
आसान भाषा में मेटावर्स को समझें
जो आज की दुनिया है, उसी का डिजिटल वर्ल्ड मेटावर्स है। जो चीजें हम वास्तविक दुनिया में करते हैं, वही चीजें हम मेटावर्स में करेंगे। CEO लोकेश के अनुसार, "जो चीजें हम वास्तविक दुनिया में करते हैं, वही चीजें डिजिटल वर्ल्ड में हमारे अवतार करेंगे, जो बिल्कुल हमारे जैसे दिखेंगे। दिखने में जो चीजें होंगी, वो बिल्कुल असली दिखाई देंगी। घर बैठे आपका डिजिटल अवतार दुनियाभर से रूबरू हो सकता है। यही भविष्य की दुनिया होगी।"
दर्शकों के लिए मेटावर्स में बढ़ जाती हैं सहूलियतें
लोकेश ने बताया कि मेटावर्स में बाधाएं कम हो जाती हैं और लोगों के लिए विकल्प बढ़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में लोगों को अधिक विकल्प और सहूलियतें चाहिए। यही चीजें मेटावर्स मुहैया कराएगा। जैसे कोरोना काल में जो दर्शक सिनेमाघर नहीं जाना चाहते हैं, वे अपने मेटावर्स अवतार के जरिए घर बैठे फिल्मों का मजा ले सकते हैं। आप अपने डिजिटल अवतार को घर बैठे नियंत्रित कर सकते हैं।
बड़े पर्दे से कैसे अलग होगा मेटावर्स का सिनेमा?
लोकेश ने कहा, "बहुत कुछ अलग हो सकता है। वैसे भी कोरोना के बाद सिनेमाघरों के प्रति दर्शकों का रुझान कम हो गया है। लोग फिल्में देखने के लिए सिनेमाघर जाते हैं, तो अपने दोस्तों को साथ लेकर जाते हैं। वहां खूब मस्ती करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "अब यह होगा कि लोग अपने मेटावर्स अवतार के जरिए सिनेमाघर जाएंगे। दोस्तों का एक ग्रुप अवतार के जरिए डिजिटल दुनिया में मिलेगा और मनोरंजन का लुत्फ उठाएगा।"
लोग सिनेमाघरों को छोड़कर मेटावर्स पर क्यों आएंगे?
लोकेश का मानना है कि जो चीजें दर्शक घर बैठे कर सकते हैं, उसके लिए सिनेमाघर क्यों जाएंगे। सिनेमाघरों का मजा मेटावर्स में ही मिल जाएगा। उन्होंने बताया, "जिस प्रकार सिनेमाघरों में बड़ा पर्दा दिखता है, कुछ वैसी ही मेटावर्स में भी दिखेगा। कुर्सियां, थिएटर के साउंड, दोस्त और फीलिंग सबकुछ वास्तविक प्रतीत होंगे।" उन्होंने कहा कि जैसे आजकल वीडिओ कॉल मीटिंग सामान्य बात हो गई है। आने वाले दिनों में मेटावर्स भी लोगों के बीच लोकप्रिय हो जाएगा।
बॉलीवुड की नजर मेटावर्स पर क्यों टिकी है?
लोकेश का मानना है कि सेलिब्रिटीज अपने NFTs के कलेक्शन बेच सकते हैं। फिल्मों के प्रमोशन और ब्रांड एंडोर्समेंट का जरिया भी मेटावर्स बन सकता है। लोकेश ने बताया, "जैसे फिल्म सिनेमाघरों में आने के बाद OTT पर आती है, उसी प्रकार सिनेमाघरों और OTT पर आने के बाद इसे मेटावर्स पर भी लाया जा सकता है।" बीबीसी के मुताबिक, दो साल में भारत में मेटावर्स का मार्केट 800 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
क्या मेटावर्स में पूंजी लगाना चाहेंगे बड़े-बड़े फिल्ममेकर्स?
सवाल उठता है कि जब पहले से सिनेमाघर और OTT प्लेटफॉर्म मौजूद हैं, तो फिल्ममेकर्स मेटावर्स में पूंजी क्यों लगाना चाहेंगे? इस सवाल को लेकर लोकेश का कहना है कि मेटावर्स का भी एक टारगेट ऑडियंस है, जो इसको एक्सप्लोर करना चाहेगा। वहीं लोकेश ने कहा कि अच्छा अनुभव पाने के लिए लोगों को भी भुगतान करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उनका कहना है कि लोग अपनी सुविधाओं को देखकर खुद पैसा खर्च करना चाहेंगे।
विजुअल वाली फिल्मों पर पैसा लगाना चाहेंगे मेकर्स- समीक्षक अमित कर्ण
जब न्यूजबाइट्स हिंदी ने मेटावर्स और सिनेमा को लेकर दैनिक भास्कर के प्रमुख संवाददाता और सिनेमा कवर करने वाले अमित कर्ण से बातचीत की, तो उन्होंने भी इसको लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद अच्छे विजुअल और VFX वाली फिल्मों पर मेकर्स पैसा लगाना चाहेंगे। उन्होंने कहा, "मेटावर्स आपको प्राइवेसी भी दे रहा है। आप जिसके साथ चाहेंगे, उसके साथ बैठकर फिल्मों का आनंद उठा सकते हैं।"
भारत में मेटावर्स कॉन्सर्ट का शुरू हो चुका है चलन
हाल में मशहूर भारतीय गायक दलेर मेहंदी मेटावर्स कॉन्सर्ट आयोजित करने वाले पहले भारतीय कलाकार बने। गणतंत्र दिवस के मौके पर उन्होंने मेटावर्स पर अपनी प्रस्तुति दी थी। उन्होंने पार्टी नाइट के नाम से एक म्यूजिकल किया था। दलेर से पहले इस तरह के वर्चुअल कॉन्सर्ट का प्रचलन हॉलीवुड में रहा है। जस्टिन बीबर, एरियाना ग्रांडे, ट्रैविस स्कॉट और मार्शमेलो जैसे अंतर्राष्ट्रीय गायकों ने भी इस तरह के वर्चुअल कॉन्सर्ट में अपने परफॉर्मेंस दिए हैं।
मेटावर्स में आने वाली पहली फिल्म होगी 'बड़े मियां छोटे मियां'
पूजा एंटरटेनमेंट मेटावर्स में फिल्म लाने वाली पहली प्रोडक्शन कंपनी होगी। हाल ही में इस प्रोडक्शन कंपनी ने अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ को साथ लेकर फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' की घोषणा की थी। इस प्रोडक्शन कंपनी ने अपने वर्चुअल प्लेस को पूजावर्स का नाम दिया था। वहीं अजय देवगन भी अपनी पहली वेब सीरीज 'रूद्र द एज ऑफ डार्कनेस' के जरिए मेटावर्स की दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं।