#NewsBytesExclusive: कितना जरुरी है प्राथमिक उपचार? विशेषज्ञ से जानिए इसका महत्व
प्राथमिक उपचार एक तरह की देखभाल है, जिसकी मदद से किसी व्यक्ति को दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति के जोखिमों से बचाया जा सकता है। हालांकि, कई लोगों के मन में इस उपचार को लेकर कई सवाल हैं, जिनके जवाब के लिए हमने हाल ही में आपातकालीन दवाइयों के विशेषज्ञ डॉक्टर अबुजर कमाल से बातचीत की। उन्होंने हमें प्राथमिक उपचार के महत्व से लेकर इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
प्राथमिक उपचार क्यों महत्वपूर्ण है?
डॉ कमाल ने बताया कि 30 से 40 प्रतिशत मौतें पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिक उपचार न मिलने से होती है। वहीं, अगर व्यक्ति को प्राथमिक उपचार मिल जाता है तो उसको किसी बड़े शारीरिक नुकसान से बचाया जा सकता है। इसलिए प्राथमिक उपचार महत्वपूर्ण है।
प्राथमिक उपचार के कितने प्रकार होते हैं?
डॉ के मुताबिक, प्राथमिक उपचार तीन प्रकार के होते हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार की A-B-C भी कहा जाता है। A का मतलब एयरवे, जिसमें श्वसन नली की जांच शामिल है। अगर व्यक्ति की श्वसन नली बंद हो तो उसकी ठोड़ी ऊपर उठाकर उसका सिर पीछे की तरफ झुकाएं। B यानी ब्रीथिंग, एयरवे के बाद 5-10 सेकंड के लिए व्यक्ति की सांस पर ध्यान दें। इसके लिए आप उसके मुंह के पास अपना कान ले जाएं या उसके पेट को देखें।
प्राथमिक उपचार के C प्रकार को ऐसे समझें
C का अर्थ है सर्कुलेशन, जिसका संबंध परिसंचरण की जांच से है। इसके लिए घायल व्यक्ति के शरीर को देंखे कि कहीं से रक्तस्त्राव तो नहीं हो रहा, अगर ऐसा हो तो उसे तुरंत रोकने की कोशिश करें।
प्राथमिक उपचार के सिद्धांत
डॉ कमाल ने कहा कि प्राथमिक उपचार के सिद्धांत निम्न स्थितियों पर निर्भर करते हैं:- 1) अगर किसी का एक्सीडेंट हुआ है तो उसे तुरंत प्राथमिक उपचार दें। 2) अगर घायल व्यक्ति के कहीं खून निकल रहा हो तो उसकी प्रभावित जगह पर अपने साफ हाथों से तुरंत साफ सूती कपड़ा बांधे। 3) श्वसन और परिसंचरण की जांच करें। 4) फ्रैक्चर की स्थिति में उसके प्रभावित हिस्से को हिलने-डुलाने न दें। 5) घायल व्यक्ति को आश्वासन दें।
प्राथमिक उपचार देने वाले व्यक्ति को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
डॉ कमाल ने बताया कि ऐसा संभव नहीं है कि घटनास्थल पर हमेशा कोई डॉक्टर मौजूद हो, इसलिए कोई भी व्यक्ति पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर उसकी हालत को बिगड़ने से रोक सकता है। हालांकि, प्राथमिक उपचार देते समय व्यक्ति का खुद को शांत रखना और स्थिति को समझना सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा, "जब व्यक्ति को पीड़ित की स्थिति का पता चल जाए तो तुरंत उसके अनुसार आगे कदम बढ़ाएं और एंबुलेंस आदि को बुलाएं।"
खून बहने या जलने पर क्या करें?
डॉ कमाल ने कहा, "खून बहने पर सबसे पहले पीड़ित को शांत करवाएं क्योंकि घबराहट से दिल की धड़कन बढ़ जाती है, जिससे खून और तेजी से बहने लगता है। इसके बाद खून वाले हिस्से पर थोड़े दबाव से साफ सूती कपड़ा बांधें।" उन्होंने आगे कहा, "जलने की स्थिति में व्यक्ति के जले हुए हिस्से को 10-15 मिनट के लिए सादे पानी में रखें। अगर सादा पानी न हो तो प्रभावित हिस्से पर कोल्ड कंप्रेसर का इस्तेमाल करें।"
फ्रेक्चर और चॉकिंग होने पर करें ये काम
डॉ कमाल के अनुसार, फ्रैक्चर की स्थिति में व्यक्ति के प्रभावित हिस्से को लकड़ी के साथ बांध दें, जो उसे स्थिर रखने में मदद करेगी। वहीं चॉकिंग के लिए व्यक्ति के पीछे खड़े होकर उसकी छाती को एक हाथ से सहारा दें, फिर उसको आगे की तरफ झुकाएं ताकि उसके सांस लेने के रास्ते में अटकी चीज मुंह से बाहर निकल सके। अब अपने हाथ के हत्थे से व्यक्ति के कंधे के पर तेजी से मारें या पेट को दबाएं।
CPR का इस्तेमाल कब और कैसे करना चाहिए?
डॉ कमाल ने बताया कि CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन), एक तरह का प्राथमिक उपचार है, जो कार्डियक अरेस्ट, धकड़न के रूक जाने, बेहोश होने या फिर सांस न लेने जैसी आपातकालीन स्थिति में व्यक्ति को दिया जाता है। CPR दो तरह की होती है, जिसमें पहला है कि पीड़ित व्यक्ति की छाती को अपनी हथेलियों से लगातार तेजी से दबाते रहें। दूसरा, जो व्यक्ति आपातकालीन स्थिति में हो, उसके मुंह में अपने मुंह के जरिए सांस दें।
देसी और चिकित्सा विज्ञान के प्राथमिक उपचार में क्या अंतर है?
डॉ कमाल ने बताया कि देसी प्राथमिक उपचार पीड़ित व्यक्ति को जड़ी-बुटियों और घरेलू चीजों के इस्तेमाल से दिया जाता है, जबकि चिकित्सा विज्ञान के तात्पर्य एलोपैथी दवाइयों से पीड़ित को प्राथमिक उपचार देना है। डॉ के अनुसार, "पहले देसी प्राथमिक उपचार काफी कारगर हुआ करते थे, लेकिन समय बितने के साथ-साथ वो पद्धति आज खत्म होते जा रही है। ऐसे में आज चिकित्सा विज्ञान सबसे सर्वश्रेष्ठ प्राथमिक उपचार है।"
क्या प्राथमिक उपचार के तौर पर पूर्वजों द्वारा बताए गए नुस्खे गलत है?
डॉ कमाल ने बताया कि ऐसा कहना गलत होगा कि प्राथमिक उपचार के तौर पर पूर्वजों द्वारा बताए गए घरेलू नुस्खे गलत हैं क्योंकि पहले इन्हीं के जरिए लोगों को गंभीर स्थितियों और बीमारियों से बचाया जाता था। डॉ ने कहा, "हम यह अनदेखा नहीं कर सकते हैं कि पहले के लोगों की जान इन्हीं घरेलू नुस्खों से बचाई जाती थी, बस अब एलौपेथी का ज्यादा बोलबोला है, इसलिए देसी प्राथमिक उपचार को दरकिनार किया जाता है।"
प्राथमिक चिकित्सा वाले डिब्बे में क्या-क्या होना जरूरी है?
डॉ कमाल का कहना है कि हर किसी के पास हमेशा एक छोटा सा प्राथमिक चिकित्सा वाला डिब्बा जरूर होना चाहिए, जिसमें बैंडेज, पट्टियां, रूई, सेफ्टी पिन्स, एंटीसेप्टिक क्रीम, डिस्पोजेबल ग्लव्ज, प्लास्टिक की चिमटी, एंटीसेप्टिक वाइप्स, डॉक्टर टेप और कैंची होनी चाहिए।
पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने के लिए आगे बढ़े- डॉ कमाल
डॉ कमाल का कहना है कि आजकल लोग पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने की बजाय उसकी वीडियो वगैरह बनाने में ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं या उन्हें अनदेखा कर देते हैं, जो कि गलत है। डॉ ने कहा, "मैं सभी लोगों से सिर्फ इतना आग्रह करना चाहूंगा कि अगर आपको कभी ऐसा व्यक्ति दिखे, जिसे प्राथमिक उपचार की जरूरत है तो उसकी मदद करें। इसके साथ ही तुरंत एंबुलेंस बुलाएं ताकि समय रहते व्यक्ति की जान बच सके।"