इन भारतीय फिल्मों को कान्स फिल्म फेस्टिवल में सराहा गया
कान्स 2022 पर दुनियाभर के प्रशंसकों की निगाहें टिकी हुई हैं। यह फिल्म फेस्टिवल का 75वां संस्करण होगा। इसका हिस्सा बनना ही किसी सम्मान से कम नहीं है। इस साल बॉलीवुड के कई कलाकार कान्स के रेड कार्पेट पर अपना जलवा दिखाते नजर आएंगे। इस फिल्म महोत्सव का आयोजन 17 मई से 26 मई तक चलेगा। आज आपको भारतीय सिनेमा की उन फिल्मों से रूबरू करवाएंगे, जिसे कान्स फिल्म फेस्टिवल में सराहा जा चुका है।
द लंच बॉक्स
दिवंगत अभिनेता इरफान खान ने फिल्म 'द लंच बॉक्स' में बेहतरीन अदाकारी का नमूना पेश किया था। फिल्म 2013 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और इसे दर्शकों का ढेर सारा प्यार मिला था। निमरत कौर और नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी इस फिल्म का हिस्सा थे। इस फिल्म की स्क्रीनिंग कान्स फिल्म फेस्टिवल 2013 में की गई थी। क्रिटिक वीक में इस फिल्म को बेस्ट व्यूअर्स च्वॉइस का तमगा दिया गया था।
सलाम बॉम्बे
इस सूची में दूसरी फिल्म सलाम बॉम्बे है, जिसमें नाना पाटेकर मुख्य भूमिका में दिखे थे। दिवंगत इरफान भी इस फिल्म का अहम हिस्सा थे। मीरा नायर ने फिल्म का निर्देशन किया था। 1988 के कान्स महोत्सव में इस फिल्म को खास सम्मान दिया गया था। यह फिल्म मुंबई के स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों की रोजाना जिंदगी के इर्दगिर्द घूमती है। यही वजह है कि फिल्म को दुनियाभर में अच्छी प्रतिक्रिया मिली।
खारिज
रामपद चौधरी के उपन्यास पर आधारित फिल्म 'खारिज' भी दर्शकों की कसौटी पर खरी उतरी। 1983 में इस फिल्म को कान्स समारोह में स्पेशल जूरी प्राइज से नवाजा गया था। यह एक बंगाली भाषा की फिल्म है, जिसका निर्माण नीलकंठ फिल्म्स के सौजन्य से किया गया था। मृणाल सेन ने इसका निर्देशन किया था। खास बात यह है कि आप इस फिल्म को अमेजन प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं।
पाथेर पांचाली
महान फिल्ममेकर सत्यजीत रे के निर्देशन में बनी 'पाथेर पांचाली' एक ऐतिहासिक फिल्म है। उन्होंने ही फिल्म की पटकथा लिखी थी। फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। इस फिल्म को कान्स फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट ह्यूमन डॉक्युमेंट्री का खिताब मिला था। यह एक बंगाली भाषा की फिल्म है, जिसे दुनियाभर के समीक्षकों ने पसंद किया था। यह फिल्म 1995 में दर्शकों के बीच आई थी।
दो बीघा जमीन
'दो बीघा जमीन' हिंदी सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार की जाती है। आज भी समीक्षक इसे कालजयी फिल्म मानते हैं। इस फिल्म को 1954 में कान्स में खास सम्मान से सम्मानित किया गया था। यह फिल्म 1953 में भारत में रिलीज हुई थी। फिल्ममेकर बिमल रॉय ने इसके निर्देशन की कमान संभाली थी। बलराज साहनी और निरूपा रॉय ने इस फिल्म में अपने अभिनय का जादू का बिखेरा था।
बूट पॉलिश
प्रकाश अरोड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म 'बूट पॉलिश' ने दर्शकों को भावुक कर दिया था। फिल्म 1954 में हिंदी में रिलीज हुई थी और इसका निर्माण राज कपूर ने किया था। इसमें दो भाइयों की कहानी को दिखाया गया है, जिनसे जबरन भीख मांगने के लिए कहा जाता है। इस फिल्म ने कान्स समारोह में प्रशंसकों का दिल जीत लिया था। फिल्म की बाल कलाकार और अभिनेत्री नाज को भी इस समारोह में खास सम्मान दिया गया था।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
कान्स की शुरुआत 20 सितंबर, 1946 को हुई थी। इसमें दुनियाभर की चुनिंदा फिल्मों, डॉक्युमेंट्री को दिखाया जाता है। शुरुआत में फिल्म फेस्टिवल में 21 देशों की फिल्में दिखाई गई थीं। 1950 में चेतन आनंद इंटरनेशनल ज्यूरी में भारत से पहले सदस्य बने थे।