'द कश्मीर फाइल्स' विवाद: नदव लैपिड के बयान का जूरी के तीन सदस्यों ने किया समर्थन
क्या है खबर?
गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) के दौरान इजरायली फिल्ममेकर नदव लैपिड ने कहा था कि 'द कश्मीर फाइल्स' एक "प्रोपेगेंडा" फिल्म है।
इसके बाद देशभर में उनका विरोध हुआ। विवाद बढ़ता देख नदव ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी।
अब IFFI 2022 के जूरी के तीन सदस्यों ने नदव के बयान का समर्थन किया है। इन जूरी सदस्यों का कहना है कि जूरी हेड नदव के बयान से वे सहमत हैं।
विवादित बयान
नदव लैपिड के किस बयान पर हुआ था बवाल?
फिल्ममेकर नदव ने 'द कश्मीर फाइल्स' की आलोचना करते हुए इसे "प्रोपेगेंडा और वल्गर" फिल्म बताया था।
उन्होंने कहा था, "फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान इसे देखकर हमारी जूरी परेशान और हैरान थी। यह हमें एक प्रोपेगेंडा फिल्म लगी, जिसे इतने बड़े प्रतिष्ठित समारोह में प्रदर्शित करना उचित नहीं था। मैं मंच पर अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए सहज हूं। इस आलोचनात्मक चर्चा को कला और जीवन के लिए स्वीकार करना जरूरी है।"
बचाव
तीन जूरी सदस्यों ने नदव का किया बचाव
ब्रिटिश एकेडमी फिल्म अवॉर्ड्स (BAFTA) के विजेता और IFFI के जूरी सदस्य जिन्को गोटोह ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर कहा कि वह और उनके दो साथी नदव के बयान के साथ खड़े हैं।
अमेरिकी निर्माता जिन्को, फ्रांसीसी फिल्म संपादक पास्कल चावांस और फ्रांसीसी लघु फिल्म निर्माता जेवियर एंगुलो बारटुरेन ने नदव के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की है।
इन जूरी सदस्यों ने कहा कि नदव के बयान को कला के नजरिए से देखना चाहिए।
बयान
जूरी सदस्यों ने अपने संयुक्त बयान में क्या कहा?
जूरी के तीनों सदस्यों ने अपने संयुक्त बयान में कहा, "हम नदव के बयान के साथ खड़े हैं। चीजों को स्पष्ट करने के लिए बता दें कि फिल्म की सामग्री पर कोई राजनीतिक रुख नहीं अपनाया गया था, बल्कि इसके कलात्मक पक्षों पर बयान दिया गया था।"
उन्होंने आगे कहा, "यह देखकर हमें बहुत दुख होता है कि फिल्म फेस्टिवल के मंच का राजनीति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और नदव पर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं।"
जानकारी
सुदीप्तो सेन ने नदव के बयान को व्यक्तिगत बताया
IFFI के जूरी सदस्यों में शामिल भारतीय फिल्ममेकर सुदीप्तो सेन ने नदव के बयान को व्यक्तिगत बताया। उन्होंने कहा, "अगर कोई सार्वजनिक रूप से किसी फिल्म को चुनता है और कुछ ऐसा कहता है, जिसकी उम्मीद नहीं है, तो यह उसकी निजी भावना है।"
विरोध
इन हस्तियों ने नदव का किया विरोध
फिल्म के कलाकार अनुपम खेर से लेकर निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने नदव के बयान की निंदा की है।
भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी जूरी हेड के बयान की आलोचना की।
उन्होंने नदव को खुला पत्र लिखते हुए ट्विटर पर लिखा था, 'आपको शर्म आनी चाहिए, आपने सम्मान और गर्मजोशी भरे स्वागत का दुरुपयोग किया है।'
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने कहा था कि अगर वह उस कार्यक्रम में होते तो नदव को गोली मार देते।
माफीनामा
माफी मांग चुके हैं नदव लैपिड
लोगों के गुस्से को देखते हुए नदव लैपिड ने अपने बयान पर सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा था कि उनका इरादा कश्मीरों पीड़ितों का अपमान करने का नहीं था।
उन्होंने अपने बयान में कहा था, "फिल्म के तथ्यों पर मैंने कभी शक नहीं किया। कश्मीर के पीड़ितों के लिए मेरे मन में पूरा सम्मान और संवेदनाएं हैं। मैं कश्मीर की राजनीति के बारे में ज्यादा नहीं जानता और इस बारे में बोलने वाला मैं कोई नहीं होता हूं।"
जानकारी
फिल्म में दिखाया गया था कश्मीरी पंडितों का दर्द
'द कश्मीर फाइल्स' 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसकी कहानी सच्ची घटनाओं को केंद्र में रखकर बुनी गई है और इसमें कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार को फिल्माया गया है। उनके विस्थापन की मार्मिक कहानी ने दर्शकों का ध्यान खींचा था।