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राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी की बढ़ी मुश्किलें, 60 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई
राज कुंद्रा को धोखाधड़ी मामले में समन

राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी की बढ़ी मुश्किलें, 60 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई

Sep 09, 2025
10:01 am

क्या है खबर?

पिछले कुछ समय से शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा विवादों में हैं। उन पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। अब इस मामले में उन्हें आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने समन भेजा है। शुरुआत में दोनों को 10 सितंबर को जांच अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन राज ने पेशी के लिए और समय मांगा था। अब राज को 15 सितंबर को पूछताछ के लिए EOW के सामने पेश होना होगा।

पूछताछ

राज से अब 15 सितंबर को होगी पूछताछ

जानकारी के मुताबिक, ये मामला 13 अगस्त को दर्ज हुआ था। राज अब 15 सितंबर को EOW दफ्तर पहुंचकर बयान दर्ज कराएंगे। EOW के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 10 सितंबर को राज को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने अपने प्रतिनिधि के जरिए पेशी के लिए 15 सितंबर तक की मोहलत मांगी थी। इस बीच शिल्पा और राज के देश छोड़ने से रोकने के लिए उनके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (LOC) भी जारी किया गया है।

मामला

मामला है क्या?

बता दें कि लोटस कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज के डायरेक्टर और बिजनेसमैन दीपक कोठारी ने आरोप लगाया है कि 2015 से 2023 के बीच उन्होंने 60.48 करोड़ रुपये शिल्पा-राज की कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड में बिजनेस बढ़ाने के नाम पर लगाए थे। कोठारी का आरोप है कि शिल्पा-राज ने शुरू में 75 करोड़ रुपये का लोन 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर मांगा था, लेकिन बाद में टैक्स बचाने के लिए इसे निवेश के रूप में दिखाने की सलाह दी।

दावा

गारंटी देने के बाद शिल्पा ने दे दिया कंपनी से इस्तीफा- दावा

दीपक का कहना है कि अप्रैल 2016 में शिल्पा ने लिखित रूप से गारंटी दी थी कि राशि एक निश्चित समय में 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाई जाएगी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद सितंबर 2016 में शिल्पा ने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें बाद में पता चला कि साल 2017 में कंपनी के खिलाफ 1.28 करोड़ रुपये का एक दिवालियापन का मामला भी चल रहा था, जिसके बारे में उन्हें पहले नहीं बताया गया।

बयान

क्या बोले शिकायतकर्ता और शिल्पा के वकील?

दीपक के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल ने पूरे सबूतों के साथ निवेश किया था। कंपनी ने दिवालिया घोषित होकर उन्हें गुमराह किया और पैसों को निजी उपयोग में लगाया। उधर शिल्पा के वकील प्रशांत पाटिल ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। उनके मुताबिक, शिकायतकर्ता खुद कंपनी में साझेदार थे। उनके बेटे को डायरेक्टर बनाया गया था और शिल्पा व शिकायतकर्ता के बीच इक्विटी एग्रिमेंट साइन हुआ था, जिसका मतलब ये है कि मुनाफा-नुकसान दोनों ही साझेदारों में बंटता।