पल्लवी जोशी बोलीं- फिल्मकारों में औसत फिल्में बनाने की होड़, सामाजिक सरोकार से कोई लेना-देना नहीं
अभिनेत्री, लेखक, निर्माता और विवेक अग्निहोत्री की पत्नी पल्लवी जोशी इंडस्ट्री का जाना-माना नाम हैं। वह भी अपनी दो टूक बयानबाजी के लिए मशहूर हैं। मुद्दा चाहे कोई भी हो, वह बेबाकी से अपनी राय रखती हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी आने वाली सीरीज 'द कश्मीर फाइल्स: अनरिपोर्टेड' से लेकर बॉलीवुड में बन रहीं फिल्मों और छाेटे पर्दे के धारावाहिकों तक पर खुलकर अपने विचार साझा किए। आइए जानते हैं क्या कुछ बोलीं पल्लवी।
"प्रतिभाओं का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे बॉलीवुड फिल्मकार?"
अमर उजाला से बातचीत में पल्लवी ने कहा, "एक फिल्मकार के तौर पर हमारी सोच यही रहती है कि सिनेमा के जरिए ऐसे विषय को सामने लाया जाए, जो अछूते हों, लेकिन हमारे यहां के फिल्मकार सिर्फ औसत फिल्में बनाने के पीछे भाग रहे हैं। हमारे यहां इतनी सारी प्रतिभाएं भरी पड़ी हैं। आज के फिल्मकार उनका इस्तेमाल क्यों नहीं करते?" उन्होंने कहा, "हमें ऐसी फिल्में बनानी चाहिए, जो भारत की मिट्टी और यहां की संस्कृति से जुड़ी हुई हों।"
क्या हमारे देश में कोई समस्या नहीं?- पल्लवी
पल्लवी बोलीं, "पहले तो ऐसा नहीं था। पहले के दौर की राज कपूर की फिल्में, देवानंद की फिल्में, राजेश खन्ना की फिल्में कमर्शियल होते हुए भी सार्थक होती थीं। उनमें सामाजिक सरोकार की कुछ ना कुछ बातें जरूर होती थीं।" उन्होंने कहा, "आज बॉलीवुड फिल्में देखने के बाद लगता है सब लोग खुशहाल हैं और महलों में रहते हैं। जैसे हमारे यहां की समस्याएं ही खत्म हो गई हैं। ये महलों में रहने वाले किरदार भारत की बानगी नहीं हैं।"
'कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड' पर कही ये बात
पल्लवी ने 'द कश्मीर फाइल्स: अनरिपोर्टेड' पर बताया, "जब हम 'द कश्मीर फाइल्स' के लिए शोध कर रहे थे, उस दौरान बहुत लोगों से बात हुई। हर किसी की अपनी एक कहानी थी। इस सीरीज में शोध के दौरान के फुटेज और इंटरव्यू शामिल हैं।" उन्होंने कहा, "हमारे पास 700 से ज्यादा लोगों के इंटरव्यू थे। सीरीज में कोई एक्टर तो है नहीं। सब अपनी आपबीती सुना रहे हैं। हमारी तरह आप भी कश्मीरी लोगों की कहानी सुन दंग रह जाएंगे।"
लेखक के पास सोचने का वक्त ही नहीं- पल्लवी
पल्लवी से पूछा गया कि उन्होंने 'आरोहण' जैसे कई यादगार धारावाहिक किए, लेकिन आज के धारावाहिक याद नहीं रहते। इस पर वह बोलीं, "उस जमाने में हफ्ते में एक दिन धारावाहिक देखने को मिलते थे। अब डेली सोप आ गए हैं तो टेलीविजन को 24 घंटे खाना खिलाना पड़ता है।" उन्होंने कहा, "खाना अच्छा है या बुरा है बस परोसना है, इसलिए रचनात्मकता मात खा गई है। लेखक के पास सोचने का समय ही नहीं है। बस लिख रहा है।"
2 राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं पल्लवी
पल्ल्वी 2 राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं। उन्होंने 1973 में फिल्म 'नाग मेरे साथी' में महज 4 साल की उम्र में अभिनय की दुनिया में कदम रख लिया था। पल्लवी 1997 में फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री के साथ शादी के बंधन में बंधी थीं।