#NewsBytesExplainer: कैसे तैयार होती हैं एनिमेशन फिल्में? जानिए पूरी प्रक्रिया
आज के दौर में एनिमिटेड फिल्में किशोरों और व्यस्कों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं। फिल्म निर्माता बड़ों के लिए बनाई गई कहानियों को एनिमेशन के जरिए पर्दे पर ला रहे हैं। इन फिल्मों का अलग प्रशंसक वर्ग है और इनकी कमाई भी खूब हो रही है। हालांकि, आज भी एनिमेशन प्रमुख रूप से बच्चों के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। आज बात करते हैं एनिमेशन फिल्में बनाने की प्रक्रिया के बारे में।
पहला चरण- कहानी और स्क्रीप्ले
एनिमेशन फिल्म हो या फिर सामान्य फिल्म, सबसे जरूरी तत्व है कहानी। बिना कहानी के आप बनाएंगे क्या? फिल्म बनाने का पहला कदम है, इसकी कहानी तैयार करना। एक बार आपकी कहानी तैयार हो गई, इसके बाद आपको इसका स्क्रीनप्ले तैयार करना होता है। स्क्रीनप्ले एक तरह का दस्तावेज है, जिसमें किसी दृश्य में क्या दिखाई और सुनाई देगा, उसे हूबहू लिख लिया जाता है। आधुनिक सॉफ्टवेयर की मदद से इन्हें लिखना और आसान हो गया है।
स्क्रीनप्ले के बाद तैयार की जाता है स्टोरी बोर्ड
स्क्रीनप्ले के बाद फिल्म का स्टोरी बोर्ड तैयार किया जाता है। स्टोरीबोर्ड में दृश्य की रूप-रेखा कागज पर तैयार की जाती है। दृश्य किस तरह दिखाई देगा, शूटिंग के पहले इसका चित्रण कागज पर कर लिया जाता है। इसमें किरदार कहां खड़ा होगा, लाइट कहां होगी इस तरह के विवरण होते हैं। आज के दौर में स्टोरीबोर्ड को भी डिजिटल रूप से तैयार किया जाता है और टीम के सभी सदस्यों को दे दिया जाता है।
तैयार किए जाते हैं किरदारों के मॉडल
यह वो प्रक्रिया है, जो इसे सामान्य फिल्मों से अलग बनाता है। इसमें हर किरदार को एनिमेशन के जरिए एक रूप दिया जाता है। इसके लिए एनिमेटर कई तरह के मॉडल तैयार करते हैं, जिनमें से एक को तय किया जाता है। इस प्रक्रिया को किरदार के लिए चेहरा तय करना कह सकते हैं। मॉडल स्थिर होते हैं। सॉफ्टवेयर के जरिए इनके हिलने-डुलने के पॉइंट्स तय किए जाते हैं। इस प्रक्रिया को रिगिंग कहते हैं।
एनिमेशन के जरिए ही तैयार होती है लाइट
इन फिल्मों में निर्देशक चाहें तो कुछ शॉट कैमरा से शूट करके उसे हरे पर्दे के जरिए फिल्म में जोड़ सकता है। यह वैसे ही काम करता है, जैसे सामान्य फिल्म में VFX काम करता है। फिल्म में लाइटिंग का काम भी एनिमेशन के जरिए होता है। मसलन दृश्य में किधर से धूप आ रही है, किस प्रकार की रोशनी है, इसे इनकी तीव्रता कितनी है, यह सब सॉफ्टवेयर के माध्यम से दुरुस्त किया जाता है।
वॉइस आर्टिस्ट देते हैं किरदारों को आवाज
जहां सॉफ्टवेयर की मदद से फिल्म के किरदारों को चेहरा और चाल-ढाल दी जाती है, वहीं इनकी आवाज वॉइस आर्टिस्ट अलग से रिकॉर्ड करते हैं। हर किरदार के चरित्र के हिसाब से उनके बोलने का ढंग तैयार होता है। अलग-अलग आर्टिस्ट इन्हें रिकॉर्ड करते हैं और बाद में इन्हें वीडियो के साथ जोड़ दिया जाता है। यह वैसा ही है, जैसा सामान्य फिल्मों में डब किए गए संवादों को जोड़ा जाता है।
लोकप्रिय हैं ये एनिमेशन सॉफ्टवेयर
बदलते दौर के साथ एनिमेशन की तकनीक भी उच्च स्तर की होती गई। एनिमेशन सॉफ्टवेयर ने इन फिल्मों को बनाने की जटिलताओं और इनमें लगने वाले समय को कम कर दिया है। अब इन्हें बेहद सफाई से और हकीकत के ज्यादा से ज्यादा नजदीक बनाया जा सकता है। अडोबी आफ्टर एफेक्ट्स, विजमी, अडोबी कैरेक्टर एनिमेटर, सिनेमा 4D जैसे सॉफ्टवेयर एनिमेशन आर्टिस्ट के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इन दिनों एनिमेशन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी मदद ली जाती है।