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स्मृति ईरानी किसकी बदौलत बनीं 'तुलसी'? कहा- गार्ड ने तो मुझे एंट्री तक नहीं दी थी
स्मृति ईरानी ने सुनाई तुलसी विरानी बनने की कहानी (तस्वीर: इंस्टाग्राम/@smritiiraniofficial)

स्मृति ईरानी किसकी बदौलत बनीं 'तुलसी'? कहा- गार्ड ने तो मुझे एंट्री तक नहीं दी थी

Nov 23, 2025
06:57 pm

क्या है खबर?

टीवी और राजनीति जगत की जगमगाती हस्ती स्मृति ईरानी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। उन्होंने हाल ही में खुलासा किया कि कैसे उन्हें एकता कपूर के हिट धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी विरानी का किरदार मिला। उन्होंने बताया कि शुरुआती दिनों में ऑफिस गार्ड ने उन्हें अंदर घुसने तक नहीं दिया था, ये कहकर कि वो एक्टर की तरह कहीं से नहीं लगतीं। क्या कुछ बोलीं स्मृति, आइए जानते हैं।

खुलासा

पहले स्मृति को मिला था ये किरदार

दिल्ली में आयोजित साहित्य आजतक 2025 के मंच पर अभिनेत्री ने बताया कि किस तरह किस्मत, संघर्ष और लगातार मेहनत ने उन्हें भारतीय टेलीविजन का सबसे प्रतिष्ठित किरदार दिलाया। स्मृति ने बताया कि शुरू में उन्हें शो में एक अभिनेता की बहन का किरदार मिला था, लेकिन जब एकता ने उन्हें देखा तो उन्होंने उनका कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया और उन्हें 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी का किरदार ऑफर किया। एकता मुझे तुलसी बनाने पर तुली थीं।

कहानी

एकता ने स्मृति को देखते ही बना दिया था तुलसी

स्मृति ने कहा, "मुझे शो में एक अभिनेता की बहन का छोटा सा रोल मिला था। मैंने अपने पिता से पैसे उधार लिए थे। पिता ने कहा था कि अगर मैं पैसे वापस नहीं कर पाई तो मुझे उनके कहे मुताबिक शादी करनी होगा। बड़ा दवाब था। मैं काफ मुश्किल में थी, लेकिन जब एकता ने मुझे देखा तो उन्होंने तुरंत फैसला कर लिया। उन्होंने मेरा पहले वाला कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया और तुलसी विरानी का किरदार मुझे सौंप दिया।"

किस्सा

ऑडिशन में फेल होने के बावजूद एकता की जिद पर तुलसी बनीं स्मृति

स्मृति बताती हैं, "मैंने पहले ऑडिशन दिया था और फेल हो गई थी। अगले दिन मुझे दोबारा ऑडिशन के लिए बुलाया गया। जब मैं ऑफिस गई तो सिक्योरिटी गार्ड ने मुझे अंदर ही नहीं घुसने दिया। मैंने कहा कि मैं एक अभिनेत्री हूं, लेकिन उसने कहा कि तुम एक अभिनेत्री जैसी नहीं दिखती। किसी तरह मैं अंदर पहुंच गई, लेकिन मैं ऑडिशन मेंं फिर फेल हो गई, बावजूद इसके एकता ने कहा कि वो मुझे ही तुलसी बनाना चाहती हैं।"

पहचान और लोकप्रियता

तुलसी बनकर स्मृति ने छोटे पर्दे पर छोड़ी अमिट छाप

टीवी की दुनिया में कई किरदार आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन कुछ किरदार ऐसे होते हैं, जो घर-घर में पहचान बनाते हैं। स्मृति का तुलसी विरानी का किरदार ऐसा ही एक उदाहरण है, जो नैतिकता और परिवार की मर्यादा का प्रतीक बन गया। स्मृति ने इसे इस तरह निभाया कि हर घर में लोग तुलसी के संघर्ष, सच्चाई और साहस को अपने जीवन से जोड़कर देखने लगे। इसके बाद हर कोई उन्हें तुलसी नाम से ही जानने लगा।