
मानसून के बाद शुरू होगी ईशान खट्टर और मृणाल ठाकुर की फिल्म 'पिप्पा' की शूटिंग
क्या है खबर?
ईशान खट्टर और मृणाल ठाकुर काफी समय से अपनी वॉर ड्रामा फिल्म 'पिप्पा' को लेकर चर्चा में बने हुए थे। अब फिल्म से जुड़ी एक जानकारी सामने आ रही है।
खबरों की मानें तो फिल्म की शूटिंग इस साल मानसून के बाद शुरू हो सकती है। पिछले साल अगस्त में राजा कृष्ण मेनन की निर्देशन में बनने वाली फिल्म 'पिप्पा' की घोषणा की गई थी।
फिल्म में ईशान और मृणाल के अलावा प्रियांशु पेनयुली को अहम भूमिका में देखा जाएगा।
रिपोर्ट
'पिप्पा' की टीम बरसात में फिल्म शूट करना नहीं चाहती
पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया था कि फिल्म की शूटिंग अप्रैल में शुरू होगी। अब जानकारी सामने आ रही है कि कुछ महीने बाद फिल्म की शूटिंग शुरू करने की योजना है।
सूत्र ने कहा, "कोरोना वायरस की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए मेकर्स को लगा कि कुछ महीने बाद फिल्म की शूटिंग को शुरू करना बेहतर होगा। दूसरा कारण है कि 'पिप्पा' की टीम बरसात के मौसम में फिल्म को शूट नहीं करना चाहती है।"
जानकारी
मानसून के अंत या बाद में शुरू हो सकती है शूटिंग
सूत्र ने आगे बताया कि बरसात के मौसम को देखते हुए फिल्म की टीम अब इसकी शूटिंग मानसून के अंत या बाद में शुरू कर सकती है।
फिल्म को कोलकाता और पश्चिम बंगाल के विभिन्न लोकेशंस में शूट किया जाना है। खबरों की मानें तो फिल्म का ज्यादातर प्री-प्रोडक्शन का काम समाप्त हो चुका है।
बताया जा रहा है कि फिल्म से जुड़े कलाकार शूटिंग की तारीख नजदीक आने के पहले अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देंगे।
बयान
'पिप्पा' की कहानी मानवीय भावना से जुड़ी है- रहमान
इस फिल्म का निर्देशन राजा कृष्ण मेनन करेंगे, जबकि इसे रॉनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर निर्मित करेंगे। रविंदर रंधावा, तन्मय मोहन और मेनन ने फिल्म की पटकथा लिखी है।
'पिप्पा' के लिए मशहूर म्यूजिक कंपोजर एआर रहमान संगीत देंगे। रहमान ने कहा था कि फिल्म 'पिप्पा' की कहानी मानवीय भावना से जुड़ी हुई है, इसलिए उन्होंने फिल्म में म्यूजिक देने में दिलचस्पी दिखाई।
उन्होंने कहा था कि इसकी कहानी हर एक परिवार से संबंधित है।
कहानी
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर लिखी किताब पर आधारित होगी कहानी
फिल्म 'पिप्पा' में युद्ध पर आधारित कहानी को फिल्माया जाएगा। यह फिल्म ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता की पुस्तक 'द बर्निंग चैफिस' पर आधारित है।
45वीं घुड़सवार दस्ते में शामिल ब्रिगेडियर मेहता ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी मोर्चे पर लड़ाई लड़ी थी।
बांग्लादेश को स्वतंत्र करने के लिए लड़ी गई इस लड़ाई में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गौरतलब है कि दिलचस्प कहानी को देख कर ही इस फिल्म से उम्मीदें बढ़ गई हैं।