UPSC: हिंदी साहित्य है लोकप्रिय वैकल्पिक विषय, जानिए कैसे करें तैयारी
क्या है खबर?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की मुख्य परीक्षा में हिंदी भाषा लोकप्रिय वैकल्पिक विषय है।
ये स्कोरिंग विषय होने के साथ हिंदी माध्यम के लिए सुरक्षित भी है। इसकी तैयारी 3-4 महीने में ही की जा सकती है।
इस विषय को करेंट अफेयर्स से अपडेट करने की जरूरत नहीं होती। इसका पाठ्यक्रम भी निश्चित है। ऐसे में कई उम्मीदवार इस विषय को चुनते हैं।
आइए जानते हैं हिंदी साहित्य वैकल्पिक विषय की तैयारी कैसे करें।
पाठ्यक्रम
क्या है हिंदी साहित्य का पाठ्यक्रम?
पेपर 1 के पहले खंड में हिंदी भाषा और नागरी लिपि का इतिहास, दूसरे खंड में हिंदी साहित्य का इतिहास (आदिकाल, रीतिकाल, आधुनिक काल) है। पाठ्यक्रम में कथा साहित्य, नाटक और रंगमंच, आलोचना और हिंदी गद्य की अन्य विधाओं से संबंधित विषय भी शामिल हैं।
पेपर 2 के पद्य साहित्य खंड में कबीर, सूरदास, मैथिलीशरण गुप्त, तुलसीदास, बिहारी रत्नाकर और गद्य साहित्य खंड में भारतेंदु, प्रेमचंद, मन्नू भंडारी, यशपाल, राजेंद्र यादव आदि के बारे में पढ़ना होगा।
किताबें
हिंदी साहित्य के लिए किताबें
हिंदी साहित्य की तैयारी की शुरुआत कक्षा 11 की NCERT किताब साहित्य शास्त्र परिचय, कक्षा 12 की हिंदी साहित्य का इतिहास किताब से करें। इग्नू के हिंदी साहित्य के नोट्स पढ़ें।
उम्मीदवार डॉक्टर राम प्रकाश की हिंदी भाषा की परंपरा और विकास, डॉक्टर नगेंद्र की हिंदी साहित्य का इतिहास, डॉक्टर विश्वनाथ त्रिपाठी की हिंदी साहित्य का सरल इतिहास, डॉक्टर राम स्वरूप चतुर्वेदी की हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास, डॉक्टर नामवर सिंह की कविता के नए प्रतिमान नामक किताबें पढ़ें।
पेपर1
पेपर 1 की तैयारी
पेपर 1 के दूसरे खंड हिंदी साहित्य के इतिहास को अच्छी तरह तैयार करें। हिंदी साहित्य के विकास के बारे में छोटी से छोटी जानकारियां याद करें।
ये पेपर 1 और पेपर 2 दोनों में काम आएगी। राजभाषा, राष्ट्रभाषा, संपर्कभाषा के विषयों को अच्छी तरह समझ लें। ये स्कोरिंग खंड है।
आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल, आधुनिक काल की साहित्यिक प्रवृत्तियों के बारे में पढ़ें।
नाटक, रंगमंच, कहानियों का उद्भव, प्रमुख उपन्यासकार, प्रमुख आलोचकों से जुड़ी जानकारियां याद करें।
पेपर2
पेपर 2 की तैयारी
पेपर 2 में विभिन्न कवि, लेखक और उनकी रचनाएं महत्वपूर्ण हैं। प्रत्येक खंड के प्रमुख लेखकों और उनके कार्यों के बारे में जरूर पढ़ें।
पेपर 2 में गद्य और पद्य खंड के सभी लेखकों के जीवन परिचय को समझ लें। उनकी शैली, अलंकार, छंद आदि के बारे में सवाल पूछे जा सकते हैं।
सूरदास, तुलसीदास, जयशंकर प्रसाद, रामधारी सिंह दिनकर, नागार्जुन, फणीश्वरनाथ रेणु, राजेंद्र यादव, भारतेंदु, रामचंद्र शक्ल आदि के बारे में गहराई से पढ़ें और मॉक टेस्ट हल करें।
रिवीजन
रिवीजन और उत्तर लेखन है सबसे ज्यादा जरूरी
हिंदी साहित्य का पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद उसका रिवीजन जरूर करें।
परीक्षा में रिवीजन के लिए संक्षिप्त नोट्स तैयार कर लें। इसके साथ ही उत्तर लेखन का अभ्यास करें।
अपने उत्तर को क्रमबद्ध और व्यवस्थित रखने की कोशिश करें। पैराग्राफ बनाकर लिखें।
महत्वपूर्ण बातों और कोटेशन को अंडर लाइन करें। पिछले साल के प्रश्नपत्र से परीक्षा पैटर्न समझें।
पिछले साल के टॉपर्स की कॉपियों को देखकर उत्तरों में सुधार करें। उत्तरों में व्याकरण संबंधी गलतियां करने से बचें।