किसकी याद में मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस? जानिए इसका महत्व और इतिहास
क्या है खबर?
शिक्षा सभी नागरिकों का मूल अधिकार है। संविधान का अनुच्छेद 21A शिक्षा का प्रावधान करता है।
शिक्षा एक मजबूत और सूचित समाज की रीढ़ है। ये हमें अपने परिवेश, अपने जीवन और समाज के बारे में जागरूक होने में मदद करती है।
शिक्षा के महत्व को समझने और सभी के लिए इसे सुलभ बनाने के उद्देश्य से हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
आइए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास और महत्व जानते हैं।
इतिहास
किसकी याद में मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस?
मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अबुल कलाम भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे। उन्होंने 1947 से 1958 तक इस पद पर जिम्मेदारी संभाली और शिक्षा को सुलभ बनाने की दिशा में बहुत से काम किए।
उनके योगदान को देखते हुए सितंबर, 2008 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनकी जन्म जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने पर मुहर लगाई थी।
महत्व
क्या है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व?
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस स्कूलों और कॉलेजों के साथ शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाता है। इस दिन सेमिनार, सम्मेलन, गतिविधियों सहित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
इन कार्यक्रमों के जरिए लोगों को शिक्षा का महत्व बताया जाता है। भारत में बदलते वक्त के साथ महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कई राज्य सरकारें राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाओं का शुभारंभ भी करती हैं।
अबुल कलाम
कौन थे अबुल कलाम आजाद?
मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर, 1888 को हुआ था। उन्होंने प्रसिद्ध विश्वविद्यालय जामिया मिलिया इस्लामिया (JMU) की स्थापना की थी।
अबुल कलाम ने ही मई, 1950 में पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर की स्थापना की थी।
इसके अलावा ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के निर्माण का श्रेय भी अबुल कलाम को दिया जाता है।
साल 1992 में अबुल कलाम को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
प्रावधान
शिक्षा को लेकर क्या हैं कानूनी प्रावधान?
भारत में शिक्षा को लेकर कई कानूनी प्रावधान हैं, इनमें से ज्यादातर संविधान में वर्णित हैं।
संविधान के अनुच्छेद 45 में स्पष्ट रूप से निर्देशित है कि सार्वभौमिक, निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान केंद्र और राज्य की संयुक्त जिम्मेदारी है।
अनुच्छेद 30 शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना से संबंधित है। अनुच्छेद 15, 17 और 46 भारतीय समुदाय के कमजोर वर्गों के शैक्षिक हितों की रक्षा करता है।
अनुच्छेद 239 केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षा का प्रावधान करता है।