ASER रिपोर्ट में बेहाल निकली ग्रामीण शिक्षा की स्थिति, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
क्या है खबर?
भारत में शिक्षा की स्थिति पर होने वाले सर्वेक्षण की रिपोर्ट यानि वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER 2023) आज (17 जनवरी) जारी की गई है।
इस रिपोर्ट में देश की शिक्षा प्रणाली को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
ASER रिपोर्ट में देश के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के शैक्षिक कौशल की वास्तविकता बताई गई है।
आइए रिपोर्ट में सामने आए आंकड़ों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गणित
बुनियादी गणित भी हल नहीं कर पाते ग्राणीण छात्र
ASER रिपोर्ट ने ग्रामीण भारत में 14 से 18 साल के युवाओं की पढ़ने और गणित कौशल की क्षमता के साथ डिजिटल टूल तक उनकी पहुंच पर ध्यान केंद्रित किया है।
इस रिपोर्ट से पता चला है कि ग्रामीण भारत में 14 से 18 वर्ष की आयु के आधे से अधिक युवा साधारण विभाजन समस्याओं को हल नहीं कर सकते, जबकि ये कौशल आदर्श रूप से कक्षा 4 के छात्रों को सिखाया जाता है।
क्षेत्रीय भाषा
केवल 57 प्रतिशत छात्र पढ़ पाते हैं अंग्रेजी वाक्य
रिपोर्ट से पता चलता है कि अंग्रेजी छात्रों के लिए बड़ी चुनौती है। स्कूल में नामांकित छात्रों में से केवल 57.3 प्रतिशत छात्र ही अंग्रेजी में वाक्य पढ़ सकते हैं।
जो लोग अंग्रेजी में वाक्य पढ़ते हैं, उनमें से 73.5 प्रतिशत ही उसका अर्थ बता पाते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 14 से 16 आयु वर्ग में शामिल 1 चौथाई लोग अपनी क्षेत्रीय भाषा में कक्षा 2 की किताबें भी धाराप्रवाह ढंग से नहीं पढ़ सकते हैं।
स्कूल
18 साल के 30 प्रतिशत युवाओं का स्कूलों में नामांकन ही नहीं
रिपोर्ट में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 14 से 18 आयु वर्ग के 86.8 प्रतिशत बच्चे एक शैक्षणिक संस्थान में नामांकित हैं।
14 साल के 3.9 प्रतिशत छात्र स्कूलों में नामांकित नहीं है, जबकि 18 वर्षीय युवाओं के लिए ये आंकड़ा 32.6 प्रतिशत है।
इसका मतलब है कि 18 साल के 32.6 प्रतिशत युवा स्कूल में नामांकित नहीं हैं।
पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार 6 से 14 साल के बच्चों के नामांकन स्तर में वृद्धि हुई है।
मानविकी
मानविकी संकाय में पढ़ रहे अधिकांश छात्र
रिपोर्ट के मुताबिक, कक्षा 11 में पढ़ रहे आधे से अधिक छात्र कला या मानविकी संकाय में नामांकित हैं। इनका प्रतिशत 55.7 फीसदी है।
STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) में 31.7 प्रतिशत और वाणिज्य संकाय में 9.4 प्रतिशत छात्र नामांकित हैं।
STEM संकाय में महिलाओं का नामांकन प्रतिशत 28.1 और पुरुषों का नामांकन प्रतिशत 36.3 फीसदी है।
इसका मतलब है कि महिलाओं से ज्यादा पुरुष तकनीकी विषयों का चुनाव करते हैं।