UK में प्रैक्टिस करने के लिए भारतीय डॉक्टरों को अब नहीं देनी होगी ये परीक्षा
क्या है खबर?
मेडिकल की पढ़ाई कर रहे या कर चुके उम्मीदवारों के लिए एक खुशखबरी है।
अगर आप UK में जाकर मरीजों का इलाज करने की इच्छा रखते हैं तो अब आपको टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज (TOEFL) और इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS) परीक्षाओं में शामिल नहीं होना होगा।
जी हां, अब आप इन परीक्षाओं को दिए बिना ही विदेश में प्रैक्टिश कर सकते हैं।
आइए जानें क्या है पूरी खबर।
OET
अब देनी होगी ये परीक्षा
भारतीय नर्सों और डॉक्टरों को विदेश में जाकर प्रैक्टिस करने के लिए TOEFL और IELTS की जगह ऑक्यूपेशनल इंग्लिश टेस्ट (OET) में शामिल होना होगा।
UK में प्रैक्टिस करने के इच्छुक डॉक्टरों, नर्सों, डेंटिस्टों और मिड-वाइफों का संबंधित हेल्थकेयर रेग्युलेटर में रजिस्ट्रेशन OET में प्राप्त नंबर के आधार पर किया जाएगा।
OET एक अंतरराष्ट्रीय इंग्लिश भाषा की परीक्षा है। इसमें अंग्रेजी बोलने वाली जगह पर हेल्थकेयर प्रोफेशनल की इस भाषा में बातचीत की क्षमता की जांच होती है।
जानकारी
UK में हैं दो हेल्थकेयर बोर्ड
UK में दो हेल्थकेयर बोर्ड, जनरल मेडिकल काउंसिल और नर्सिंग एडं मिडवाइफारी काउंसिल बोर्ड हैं। इन बोर्ड में पंजीकरण कराने के लिए उम्मीदवारों को अब OET परीक्षा में शामिल हेना पड़ेगा। इसके बाद ही उनका वीजा जारी हो सकता है।
कारण
क्यों हुआ ये बदलाव?
OET परीक्षा का संचालन कैम्ब्रिज बॉक्सहिल लैग्वेज एसेसमेंट द्वारा किया जाता है।
इसकी CEO सुजाता स्टेड का कहना है कि ये बदलाव इसलिए कराया गया है, जिससे कि अस्पतालों और अन्य जगहों पर जल्द से जल्द डॉक्टरों और नर्सों को भेजा जा सकें।
UK के अलावा OET को आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर जैसे देशों में भी मान्यता मिल गई है।
बता दें कि OET चयनित 12 मेडिकल प्रोफेशन्स के लिए लागू होगा।
TOEFL और IELTS
क्यों होती थी TOEFL और IELTS परीक्षा?
डाक्टरों और नर्सों की अंग्रेजी भाषा की दक्षता की जांच करने के लिए TOEFL और IELTS परीक्षा का आयोजन किया जाता था।
TOEFL स्कोर 150 से अधिक देशों में 10,000 से अधिक यूनिवर्सिटीज और अन्य संस्थानों द्वारा स्वीकार किए जाते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि IELTS परीक्षा 30 से 36 मिनट की होती है।
अब इन परीक्षाओं की जगह OET परीक्षा आयोजित की जा रही है।