12वीं के बाद किसी भी कोर्स का चयन करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
आज के समय में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम होते हैं। 12वीं करने के बाद सभी छात्र एक ऐसा पाठ्यक्रम का चुनाव करना चाहते हैं, जिसमें वे अच्छा भविष्य और अच्छा करियर बना सकें। छात्र नए पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए कन्फ्यूज होते हैं। जिस कारण वे गलत पाठ्यक्रम में प्रवेश ले लेते हैं। इसलिए हम ऐसा लेख लाएं हैं, जिसमें छात्रों को किन बातों का ध्यान रखते हुए कोर्स का चयन करना चाहिए, इस बारे में बताया गया है।
सबसे पहले अपनी रुचि जानें
आज कल सभी उस कोर्स के पीछे भागते हैं, जिसका चयन ज्यादा लोग करते हैं। ऐसा करना उनकी सबसे बड़ी गलती होती है। उन्हें किसी को देखने की जगह खुद ये सोचना चाहिए कि वे किस चीज में रुचि रखते हैं। छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार पाठ्यक्रम का चुनाव करना चाहिए। इससे वे अच्छी तरह और पूरा मन लगाकर पढ़ाई कर पाएंगे। साथ ही नए पाठ्यक्रम को पढ़ने में उन्हें रुचि भी आएगी।
कितना है किस पाठ्यक्रम का स्कोप?
अपनी रुचि देखने के बाद उम्मीदवारों को ये भी देखना चाहिए कि किस पाठ्यक्रम का कितना स्कोप है। अधिक स्कोप वाले पाठ्यक्रम का चयन करने से अच्छी नौकरी जल्दी मिलने के मौके अधिक होते हैं। साथ ही अगर आप एक अच्छे पैकेज वाली नौकरी करने का सपना देखते हैं तो आपको पाठ्यक्रम के स्कोप और पाठ्यक्रम के बाद मिलने वाले नौकरियों के अवसरों पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
पाठ्यक्रम ऑफर करने वाले कॉलेजों पर भी डालें एक नज़र
पाठ्यक्रम का चयन करते समय उम्मीदवारों को कॉलेजों पर भी नज़र डालनी चाहिए। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि वे जिस पाठ्यक्रम का चयन कर रहे हैं वो पाठ्यक्रम कौन सा और कितने कॉलेज ऑफर करते हैं। इसके साथ ही उम्मीदवार उस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए प्रवेश प्रक्रिया पर भी ध्यान दें। कई बार ऐसा होता कि कोई पाठ्यक्रम काफी कम कॉलेज ऑफर करते हैं, जिस कारण प्रवेश लेना काफी मुश्किल हो जाता है।
कोर्स की फीस पर दें ध्यान
कोर्स का चयन करने से पहले उम्मीदवारों को कोर्स की फीस पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्हें अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोर्स का चुनाव करना चाहिए। कई कोर्सों की फीस बहुत अधिक होती है।
कोर्स की अवधि जरुर देखें
ऊपर बताए गए सभी कारकों को देखने के साथ-साथ उम्मीदवारों को पाठ्यक्रम की अवधि जरुर देखनी चाहिए। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि कोर्स कितने साल का है। इससे खर्च आदि पर भी प्रभाव पड़ता है। साथ ही कई छात्र जल्द अपनी पढ़ाई पूरी करके नौकरी करना चाहते हैं, ऐसे छात्रों के लिए ज्यादा अवधि वाला पाठ्यक्रम सही विकल्प नहीं होगा। वे उसमें अपना पूरा ध्यान नहीं दे पाएंगे।