इन पांच JEE टॉपर की कहानियों से मिलेगी प्रेरणा, जानें किन मुश्किलों का किया सामना
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE), जिसमें मेन और एडवांस परीक्षाएँ शामिल हैं, प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) में प्रवेश के लिए आयोजित कराई जाती है। लाखों अभ्यर्थी JEE के लिए उपस्थित होते हैं, लेकिन केवल कुछ हजार छात्र ही IIT में प्रवेश ले पातेे हैं, क्योंकि परीक्षा को पास करना इतना आसान नहीं होता है। आज के लेख में हमने पांच टॉप JEE रैंकर्स की प्रेरणादायक कहानियां बताई हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से परीक्षा पास की है।
माली के बेटे ने पास की परीक्षा
मध्य प्रदेश के इंदौर के एक माली के बेटे अर्पित प्रजापति ने सन 2017 में JEE परीक्षा को पास किया है। उन्होंने JEE एडवांस में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 46 और JEE मेन में AIR 244 हासिल की थी। अर्पित के पिता अपने बेटे को जीवन में कुछ अच्छा करते हुए देखने का सपना देखते हैं, जिसको पूरा करने के लिए अर्पित ने कड़ी मेहनत की। अर्पित ने IIT-Bombay में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में BTech के लिए प्रवेश लिया।
सड़क किनारे एक स्टोल लगाने वाले क बेटा बना टॉपर
सड़क किनारे एक स्टोल वाले के बेटे ने JEE परीक्षा में अच्छा स्कोर किया और दक्षिण भारत का टॉपर बन गया। विबली शेट्टी मोहन अभ्यास ने JEE 2017 में दक्षिण भारत के पहली रैंक प्राप्त की थी। जिनके माता-पिता हैदराबाद के सड़क किनारे समोसा विक्रेता हुआ करते थे। उन्होंने JEE एडवांस परीक्षा में AIR 64 और JEE मेन 2017 में AIR 6 हासिल की थी। उन्होंने IIT-Bombay में फिजिक्स में इंजीनियरिंग का विकल्प चुना। वह वैज्ञानिक बनना चाहता हैं।
निखिल गर्ग की कहानी से भी मिलेगी प्रेरणा
निखिल गर्ग की कहानी एक आदर्श उदाहरण है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ता के साथ कुछ भी असंभव नहीं है। वह 10वीं तक औसत छात्र थे, जो बाद में IIT-JEE की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा चले गए। उस समय स्तन कैंसर के कारण उनकी माँ की मृत्यु हो गई। इसके बावजूद उनके पिता ने उनका समर्थन करके उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने IIT-JEE में AIR 6 हासिल करके IIT-Delhi में प्रवेश लिया। वह गामा नेटवर्क में काम करता हैं।
अंडे बेचने वाले के बेटे ने पास की परीक्षा
बिहारशरीफ के एक अंडा विक्रेता के बेटे अरबाज आलम ने AIR 67 के साथ JEE 2017 पास किया। वह आनंद कुमार के सुपर 30 छात्रों में से एक थे। उनके परिवार की वित्तीय अस्थिरता के मुद्दे ने उन्हें कठिन अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया।
शारीरिक चुनौतियों के बावजूद राजेश शर्मा ने पास की परीक्षा
राजेश शर्मा निचले अंगों को प्रभावित करने वाले उपेक्षित क्लबफुट (Neglected Clubfoot) से पीड़ित थे। इसके बाद भी उन्होंने 2009 में IIT JEE परीक्षा को पास किया था। वह कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते थे, फिर भी उन्होंने शारीरिक रूप से असमर्थ श्रेणी में 20वीं भी रैंक हासिल की थी। राजेश जोधपुर के बढ़ई के बेटे हैं। राजेश ने IIT-Bombay में प्रवेश लिया और फिर कॉलेद प्लेसमेंट के दौरान 32 LPA पैकेज की जापानी ई-कॉमर्स फर्म में नौकरी पाई।