केरल: छात्रों को पढ़ाने के लिए एकजुट हुए लोग, बांटे जा रहे जा रहे टेलीविजन
कोरोना वायरस के कारण छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। इसे देखते हुए केरल में छात्रों को पढ़ाने के लिए लोग एक साथ खड़े हुए हैं। बता दें कि केरल में एक जून को वर्चुअल क्लासरूम प्रोजेक्ट शुरू किया गया था, लेकिन इसके बाद भी कई छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे। एक सर्वे के अनुसार 2.24 लाख छात्र वर्चुअल क्लासेस की सुविधा नहीं ले पा रहे थे, जिसे दूर करने के लिए लोग एकजुट हुए हैं।
शुरू किया गया आंदोलन
बता दें कि मलप्पुरम की 14 साल की छात्रा देविका बालकृष्णन के घर में स्मार्टफोन नहीं था और टेलीविजन भी खराब पड़ा था। इस वजह से क्लासेस न ले पाने के कारण उसने आत्महत्या कर ली थी। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार ऐसे छात्रों की परेशानियों को देखते हुए सरकार, पूर्व छात्र संघों, विधायकों, सांसदों और स्थानीय नागरिक निकायों के साथ एक जन आंदोलन शुरू किया गया है ताकि वर्चुअल क्लासरूम को अधिक से अधिक घरों में पहुंचाया जा सके।
ऑनलाइन क्लासेस न लेने वालों की संख्या में आई गिरावट
इस पहल के कारण ऑनलाइन क्लासेस न लेने वाले छात्रों की संख्या में 1.20 लाख तक की गिरावट आई है। इसके साथ ही सामान्य क्लासरूम की व्यवस्था भी की गई है। राज्य के सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक डॉक्टर एपी कुट्टीकृष्णन का कहना है कि पिछले दो सप्ताह के भीतर यह सुनिश्चित किया गया है कि राज्य के प्रत्येक स्कूल के छात्रों तक ऑनलाइन क्लासेस को पुंहचाया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई का नुसान न हो।
छात्रों को दिए जा रहे टेलीविजन और लैपटॉप
बता दें कि छात्रों की मदद करने के लिए कुछ गांवों में व्हाट्सएप ग्रुप और पूर्व छात्र संघों ने टेलीविजन या स्मार्टफोन खरीदने के लिए पैसे दान किए। इतना ही नहीं स्थानीय व्यापारियों ने राज्य के उद्योग विभाग द्वारा शुरू किए गए अभियान टेलीविजन चैलेंज में छात्रों को टेलीविजन दिए हैं। साथ ही सरकार ने विधायकों को छात्रों के लिए टेलीविजन और लैपटॉप खरीदने के लिए अपने स्थानीय विकास फंड का उपयोग करने की अनुमति भी दी।
प्रत्येक जिले में हैं सामान्य शिक्षा केंद्र
अधिकारियों का कहना है कि केरल के लगभग सभी गांवों में छात्रों को पढ़ाने के लिए एक सामान्य शिक्षा केंद्र है। आंगनवाड़ी और खेल क्लब आदि जगह शिक्षा विभाग के लिए बने कमरों को केंद्र बनाकर सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को उनका इंचार्ज बनाया गया है। उदाहरण के लिए वायनाड में ऑनलाइन क्लासेस न लेने वाले छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा थी। जिस कारण कुल 9,200 बच्चों के लिए सामान्य शिक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं।
बन गए 1,331 सामान्य शिक्षा केंद्र
CPM के विधायक सीके ससीन्द्रन के अनुसार मुख्य रूप से आदिवासी कॉलोनियों में 1,331 सामान्य शिक्षा केंद्रों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बिजली कनेक्शन से लेकर टेलीविजन तक सभी सुविधाएं इस सप्ताह के अंत तक सामान्य शिक्षा केंद्रों में होंगी
चलाया जा रहा टैबलेट चैलेंज
वहीं कांग्रेस से संबंधित एचबी ईडन ने भी छात्रों की मदद करने के लिए कोच्चि में एक टैबलेट चैलेंज लॉन्च किया है। उनका कहना कि इसमें कई लोगों ने मदद करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। मछुआरे के एक समूह ने भी एक लैपटॉप दिया है। एडेन ने बताया कि उन्होंने 10 टैबलेट खरीदकर टैबलेट चैलेंज शुरू की थी। अब तक 200 से अधिक टैबलेट शिक्षा विभाग को सौंपे जा चुके हैं।