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JPSC ने जारी किए मुख्य परीक्षा के परिणाम, 802 उम्मीदवार हुए सफल
JPSC मुख्य परीक्षा में 802 उम्मीदवार हुए सफल

JPSC ने जारी किए मुख्य परीक्षा के परिणाम, 802 उम्मीदवार हुए सफल

लेखन तौसीफ
May 02, 2022
04:51 pm

क्या है खबर?

झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने शनिवार देर शाम 7वीं से लेकर 10वीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा तक के नतीजे जारी कर दिए। आयोग ने चयनित उम्‍मीदवारों की मेरिट लिस्‍ट अपलोड करने के साथ ही इंटरव्यू की तारीख भी घोषित कर दी है। 252 सीटों के लिए आयोजित की गई इस परीक्षा में कुल 802 उम्मीदवार सफल घोषित हुए हैं। जो उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल हुए थे, वह आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने नतीजे देख सकते हैं।

इंटरव्यू

चयनित उम्मीदवारों का इंटरव्यू कब होगा?

JPSC मुख्य परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन 8 से 15 मई के बीच होगा, जबकि 9 से लेकर 16 मई तक इंटरव्यू का आयोजन आयोग कार्यालय में निर्धारित है। चयनित उम्मीदवारों को दस्तावेज सत्यापन और इंटरव्यू का ई-कॉल लेटर 2 मई को आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि चयनित उम्मीदवारों को कॉल लेटर डाक के जरिए नहीं भेजे जाएंगे।

जानकारी

इंटरव्यू के लिए कौन से दस्तावेज ले जाने होंगे?

इंटरव्‍यू में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को अपने साथ सभी आवश्यक प्रमाणपत्रों की मूल प्रति, दो सेल्‍फ अटेस्‍टेट कॉपी, दो पासपोर्ट साइज के फोटोग्राफ और एक फोटोयुक्त पहचान पत्र (मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस में से कोई एक) लेकर जाना होगा।

आयोजन

28-30 जनवरी तक आयोजित हुई थी मुख्य परीक्षा

बता दें कि JPSC ने 28 से 30 जनवरी, 2022 के बीच मुख्य परीक्षा का आयोजन किया था और इसमें कुल 4,293 उम्मीदवार शामिल हुए थे। 7वीं से 10वीं JPSC परीक्षा 252 पदों के लिए आयोजित की गयी थी। यह पहला मौका है जब JPSC ने आठ महीने के रिकॉर्ड समय में मुख्य परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए और इसके साथ ही इंटरव्यू का भी शेड्यूल जारी कर दिया।

न्यूजबाइट्स प्लस

प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों में आरक्षण को लेकर हुआ था विवाद

प्रारंभिक परीक्षा में विवाद होने के कारण JPSC को झारखंड हाई कोर्ट की अनुमति से इस परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी करना पड़ा था। दरअसल, आयोग ने पूर्व में प्रारंभिक परीक्षा में भी आरक्षण लागू कर परिणाम जारी कर दिया था जिसके बाद यह मामला कोर्ट पहुंच गया था। आयोग ने इस मामले में स्वीकार किया कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण लागू करना गलत था और फिर आयोग ने कोर्ट से संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश मांगा था।