दिल्ली विश्वविद्यालय: महंगी हुई ग्रेजुएशन की पढ़ाई, EWS छात्रों के लिए सहायता निधि गठित
क्या है खबर?
अगर आप दिल्ली विश्वविद्यालय के ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन लेने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए यह खबर जानना जरूरी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ग्रेजुएशन कोर्सेज के लिए शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है।
विश्वविद्यालय ने फीस स्ट्रक्चर में नए सेक्शन जोड़े हैं, जैसे विश्वविद्यालय सुविधाएं और सेवा शुल्क, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) सहायता विश्वविद्यालय निधि और विश्वविद्यालय छात्र कल्याण कोष आदि।
आइये पूरी खबर जानते हैं।
वजह
दिल्ली विश्वविद्यालय ने बताई शुल्क वृद्धि की वजह
बता दें कि इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय विकास कोष शुल्क 600 रुपये से बढ़ाकर 900 रुपये कर दिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने 26 जुलाई को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि यह कवायद विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए शुल्क को तर्कसंगत बनाने और विभिन्न खर्चों में समानता सुनिश्चित करने लिए की गई है।
विश्वविद्यालय के मुताबिक, ट्यूशन फीस और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ निधि में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
शुल्क
आर्थिक रूप से कमजोर तबके के छात्रों की सहायता के लिए बढ़ा शुल्क
दिल्ली विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सहायता विश्वविद्यालय निधि में जोड़ा गया है और उसके लिए हर छात्र को 100 रुपये देने होंगे।
साउथ कैंपस के निदेशक ने कहा, "इस सेक्शन के तहत एक छात्र को सालाना 100 रुपये देने होंगे। इस पैसे का इस्तेमाल विश्वविद्यालय द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के कल्याण के लिए किया जाएगा।"
वृद्धि
सालाना शुल्क में करीब 1,000 रुपये की वृद्धि हो सकती है- DUATA
वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन (DUATA) के पदाधिकारी आनंद प्रकाश के अनुमान के मुताबिक, हर छात्र के लिए सालाना शुल्क में करीब 1,000 रुपये की वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, "अब कॉलेज भी शुल्क में बदलाव करेंगे, जिसके बाद छात्रों को अधिक शुल्क देना पड़ेगा। मुझे समझ में नहीं आता कि विश्वविद्यालय को EWS निधि के लिए शुल्क लेने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है, जबकि हर कॉलेज में इस मद के तहत छात्रों से शुल्क लेने का प्रावधान है।"
कॉलेज
कॉलेज अपनी सुविधाओं के लिए भी वसूलते हैं शुल्क
इस मुद्दे पर दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि विश्वविद्यालय सुविधाएं और सेवा शुल्क जैसे नए खंड जोड़े गए हैं।
उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "यह खंड पहले शुल्क के हिस्से में नहीं था और अब विश्वविद्यालय इसके तहत 500 रुपये लिया करेंगे।"
उन्होंने कहा कि कॉलेज अपनी सुविधाओं और सेवाओं का उपयोग करने के लिए भी शुल्क लेते हैं, जैसे कि प्रयोगशाला उपकरण, आदि।