
भारतीय शेयर बाजार के निफ्टी 50 में कब-कब दर्ज हुई है बड़ी गिरावट?
क्या है खबर?
भारतीय शेयर बाजार में आज (7 अप्रैल) भारी गिरावट दर्ज हुई है।
निफ्टी 50 कारोबारी दिन खत्म होने तक आज 700 अंकों से ज्यादा गिर गया, जो 4 जून, 2024 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी एकल-दिवसीय गिरावट है।
उस दिन लोकसभा चुनाव परिणामों के चलते निफ्टी में 6 प्रतिशत की गिरावट आई थी। तब के बाद 3 महीनों में निफ्टी नई ऊंचाइयों पर गया, लेकिन अब वो फिर से करीब 15 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
1997
1997 से शुरू हुआ गिरावट का दौर
31 मार्च, 1997 को निफ्टी में 8.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
यह गिरावट तब हुई जब कांग्रेस पार्टी ने तत्कालीन संयुक्त मोर्चा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। यह राजनीतिक अस्थिरता 'ड्रीम बजट' पेश होने के ठीक एक महीने बाद हुई, जिससे बाजार को भारी झटका लगा।
इसके बाद 21 जनवरी, 2008 को अमेरिका में मंदी की आशंका के कारण विदेशी निवेशकों ने पैसा निकालना शुरू कर दिया और निफ्टी 8.7 प्रतिशत गिरा।
2004
2008 और 2004 में दोहरा झटका
24 अक्टूबर, 2008 को वैश्विक वित्तीय संकट अपने चरम पर था। उस दिन निफ्टी में 12 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरें और आरक्षित अनुपात यथावत रखे।
इसके पहले 17 मई, 2004 को निफ्टी में 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई थी, जब चुनाव नतीजों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। भाजपा की जीत की उम्मीद थी, लेकिन नतीजों ने बाजार को चौंका दिया।
2020
कोविड-19 लॉकडाउन और हाल की गिरावट
23 मार्च, 2020 को निफ्टी ने अपना अब तक का सबसे बुरा दिन देखा, जब बाजार 13 प्रतिशत तक गिर गया।
यह गिरावट कोविड-19 के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू होने से ठीक पहले हुई थी। अगले दिन सूचकांक 7,511 के स्तर तक नीचे आ गया था। हालांकि, इसके बाद लंबी तेजी आई।
अब 7 अप्रैल, 2025 को फिर से बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे यह साफ होता है कि अनिश्चितता अब भी बनी हुई है।