रूसी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंध आज से हुए लागू, क्या भारत बंद करेगा खरीदी?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की 2 सबसे बड़ी तेल कंपनियों- रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाए थे, जो आज से प्रभावी हो गए हैं। इन कंपनियों से कई भारतीय कंपनियां भी भारी मात्रा में तेल खरीदती हैं। ऐसे में इस प्रतिबंध का असर भारत पर भी पड़ना तय है। इससे पहले रूस से तेल खरीद के चलते ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया था। आइए जानते हैं इस कदम का क्या असर हो सकता है।
तात्कालिक असर
समुद्र में फंस सकता है 48 मिलियन बैरल तेल
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, प्रतिबंध के चलते लगभग 48 मिलियन बैरल रूसी तेल समुद्र में फंस सकता है। इस वजह से कई जहाजों को तुरंत अपना रास्ता या गंतव्य बदलना पड़ सकता है। वहीं, केप्लर का अनुमान है कि अब भारतीय रिफाइनर प्रतिबंधित की गई रूसी कंपनियों से सीधे कच्चा तेल खरीदना बंद कर देंगे। इससे भारत में रूस की तेल डिलीवरी में खासकर दिसंबर और जनवरी के दौरान काफी कमी आने की उम्मीद है।
असर
भारत के पास खरीदी बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं- जानकार
जानकारों का मानना है कि ये प्रतिबंध भारत को रूसी कच्चे तेल का आयात बंद करने का असरदार तरीका साबित होंगे। आंकड़ों के मुताबिक, रूस ने इस साल भारत को कुल जरूरत के लगभग 34 प्रतिशत कच्चे तेल की आपूर्ति की है। इसमें से 60 प्रतिशत रोसनेफ्ट और लुकोइल से आया है। जानकार कह रहे हैं कि इन 2 बड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध के बाद भारतीय रिफाइनर के पास तेल खरीदी बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
आंकड़े
तेल लोडिंग में आई गिरावट
केप्लर के आंकड़ों के मुताबिक, भारत के लिए रूस से आने वाले कच्चे तेल की लोडिंग में गिरावट आई है। 20 नवंबर को यह आंकड़ा 982 किलो बैरल प्रतिदिन (kbd) रह गया था। ये अक्टूबर 2022 के बाद सबसे निचला स्तर है। केप्लर ने कहा, "हालांकि आंकड़ों में अभी भी बदलाव हो सकता है, क्योंकि रास्ते के कुछ जहाज अपना गंतव्य बदल सकते हैं, लेकिन ट्रेंड ये कहता है कि भारत जाने वाले तेल की लोडिंग कम हो गई है।"
बंद
क्या भारत बंद करेगा रूसी तेल की खरीद?
केप्लर के सुमित रिटोलिया ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "21 अक्टूबर से शिपमेंट में कमी आई है, लेकिन रूसी आयात को पूरी तरह बंद करने के बारे में कोई निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि रूस ने अतीत में बिचौलियों, और वर्कअराउंड वित्तपोषण का उपयोग कर आपूर्ति जारी रखी थी। रूसी तेल सप्लाई तुरंत खत्म नहीं होगी, बल्कि तेजी से कुछ जटिल और अस्पष्ट चैनलों के माध्यम से आगे बढ़ेगी।"
खरीदी
फिलहाल कितना रूसी तेल खरीद रहा है भारत?
यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद रूस कम कीमत पर भारत को तेल निर्यात कर रहा है। इस वजह से भारत का रूसी तेल आयात काफी बढ़ा है। 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। इस साल के पहले 9 महीनों में भारत ने रूस से रोजाना लगभग 17 लाख बैरल तेल आयात किया है। हालांकि, ये आंकड़ा धीरे-धीरे कम हो रहा है।