सरकार ने 4 नए श्रमिक कानून लागू किए, करोड़ों श्रमिकों को आज से मिलेंगी ये सौगातें
क्या है खबर?
देश में नए श्रम कानून आज से लागू हो गए। इसे देश के श्रम ढांचे में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। केंद्र सरकार ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि नया फ्रेमवर्क दशकों पुराने, बिखरे हुए श्रम नियमों को आसान बनाता है, श्रमिक वेलफेयर को बढ़ाता है, सुरक्षा को मजबूत करता है और भारत के श्रमिक ढांचे को दुनिया के सबसे अच्छे तरीकों के साथ जोड़ता है।
कानून
दशकों पुराने 29 कानूनों में किया गया बदलाव
सरकार ने दशकों पुराने 29 श्रम कानूनों को खत्म कर या सुधार कर उन्हें 4 नए कोड में समाहित कर दिया है। ये हैं- मजदूरी कानून, (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशन कानून 2020, सामाजिक सुरक्षा कानून 2020 और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ और वर्किंग कंडीशंस (OSHWC) कानून, 2020 शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये कानून बेहतर मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, कामकाजी सुरक्षा, लैंगिक समानता और आसान अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
फायदे
श्रमिकों को क्या होंगे फायदे?
नए कानूनों से श्रमिकों को न्यूनतम वेतन की गारंटी मिलेगी। यानी मनमानी और शोषण की आशंका खत्म होगी। नौकरी लगते ही युवाओं को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा। इससे नौकरी शुरू होते ही उनके अधिकार सुनिश्चित होंगे। महिलाओं के लिए समान वेतन लागू होगा। इससे कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव पर लगाम लगेगी। 40 साल से अधिक आयु वाले श्रमिकों को हर साल मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा मिलेगी।
सामाजिक सुरक्षा
सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आएंगे 40 करोड़ श्रमिक
40 करोड़ श्रमिक सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आएंगे। ये पहली बार है, जब देश की कार्यशक्ति इस पैमाने पर सुरक्षित होगी। फिक्स टर्म कर्मचारियों को एक साल की नौकरी के बाद ग्रेच्युटी पाने का अधिकार मिलेगा। इससे उन लाखों लोगों को फायदा होगा, जो कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं और स्थायी कर्मचारियों जैसी सुरक्षा नहीं पाते। ज्यादा काम करने वालों को अब दोगुना वेतन मिलेगा। इससे शोषण की आशंका खत्म होगी और अतिरिक्त मेहनत की कीमत मिलेगी।
महिलाओं
महिलाओं और गिग वर्कर्स के लिए ये बड़े बदलाव
महिलाएं रात की शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी। हालांकि, इसके लिए उनकी सहमति और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे। महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन की गारंटी भी दी गई है। वहीं, जोमैटो, स्विगी, ओला और उबर जैसे प्लेटफॉर्म के साथ काम करने वाले गिग वर्कर्स को पहली बार कानूनी ढांचे में लाया गया है। कंपनियों को सालाना टर्नओवर का 1-2 प्रतिशत हिस्सा इनके कल्याण के लिए देना होगा।
बयान
प्रधानमंत्री ने कहा- सुधार श्रमिकों को मजबूत बनाएंगे
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, 'यह सुधार सिर्फ बदलाव भर नहीं बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा श्रमवीरों के कल्याण के लिए लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है।' वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, 'श्रमेव जयते! आज हमारी सरकार ने 4 लेबर कोड लागू किए हैं। यह आजादी के बाद से सबसे बड़े लेबर-ओरिएंटेड सुधारों में से एक है। यह हमारे श्रमिकों को बहुत मजबूत बनाता है।'