
पेटीएम फर्स्ट गेम्स को GST विभाग का नोटिस, 5,712 करोड़ रुपये टैक्स बकाया का आरोप
क्या है खबर?
पेटीएम की सहायक कंपनी फर्स्ट गेम्स टेक्नोलॉजी को GST विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा है।
GST विभाग का कहना है कि कंपनी को प्लेटफॉर्म शुल्क पर 18 प्रतिशत की जगह पूरी एंट्री फीस पर 28 प्रतिशत GST देना चाहिए।
इस आधार पर कंपनी पर 5,712 करोड़ रुपये का टैक्स, ब्याज और जुर्माना बकाया बताया गया है। यह बकाया नोटिस ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के टैक्स को लेकर भेजा गया है।
तैयारी
कंपनी ने की कानूनी कार्रवाई की तैयारी
पेटीएम ने बताया कि वह इस नोटिस को कोर्ट में चुनौती देगी।
कंपनी रिट याचिका दायर करने जा रही है और पहले से दी गई राहत का हवाला देगी। वह यह साबित करने की कोशिश करेगी कि संशोधित टैक्स नियमों को पुराने समय पर लागू नहीं किया जा सकता।
पेटीएम को उम्मीद है कि उसे भी वैसी ही अंतरिम राहत मिलेगी जैसी कई अन्य गेमिंग कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से मिल चुकी है।
विवाद
क्या है पूरा टैक्स विवाद?
GST विभाग का मानना है कि गेमिंग कंपनियों को अपने पूरे प्लेटफॉर्म पर जमा की गई एंट्री फीस पर 28 प्रतिशत टैक्स देना चाहिए, जबकि कंपनियां अब तक सिर्फ अपने कमाए गए प्लेटफॉर्म शुल्क पर 18 प्रतिशत टैक्स दे रही थीं।
यह मामला पूरे ऑनलाइन गेमिंग उद्योग से जुड़ा है और फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इससे पहले सरकार ने 1 अक्टूबर, 2023 को टैक्स दरों में बदलाव किया था।
असर
पेटीएम के कारोबार पर नहीं पड़ेगा बड़ा असर
पेटीएम ने कहा कि यह नोटिस उसकी मुख्य कंपनी के कारोबार पर कोई बड़ा असर नहीं डालेगा, क्योंकि फर्स्ट गेम्स एक संयुक्त उद्यम के तौर पर गिना जाता है।
कंपनी का इसमें सिर्फ 225 करोड़ रुपये तक का निवेश है, जो मुख्यतः शेयरधारक ऋण के रूप में है।
इसके अलावा, फर्स्ट गेम्स का राजस्व पेटीएम के साथ नहीं जुड़ता और उसका मुनाफा या नुकसान भी पेटीएम की कुल आमदनी का 1 प्रतिशत से भी कम है।