अमेरिकी अखबार का दावा- मोदी सरकार ने LIC से अडाणी समूह में 33,000 करोड़ निवेश करवाए
क्या है खबर?
एक अमेरिकी अखबार ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से अडाणी समूह में 33,000 करोड़ रुपये का निवेश करवाया। यह मामला इसी साल की शुरुआत का है, जब अडाणी समूह बढ़ते कर्ज से जूझ रहा था और समूह पर अमेरिका में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। इस वजह से प्रमुख अमेरिकी और यूरोपीय बैंकों ने समूह को ऋण देने से मना कर दिया था।
रिपोर्ट
वित्तीय सेवा विभाग ने तैयार किया था प्रस्ताव
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, भारत के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के वरिष्ठ अधिकारियों ने मई में एक प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें LIC से 33,000 करोड़ रुपये अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश करने का प्रावधान था। इसके पीछे अधिकारियों ने 'अडाणी समूह में विश्वास का संकेत' और 'अन्य निवेशकों की भागीदारी को प्रोत्साहित' करने का हवाला दिया। 2 अधिकारियों ने अखबार को बताया कि इस प्रस्ताव को कुछ ही दिन बाद वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी ।
निवेश
वित्त मंत्रालय ने LIC को की थी सिफारिश- रिपोर्ट
अखबार ने बताया कि मई के अंत में अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने 5,000 करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी किया। रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले LIC ने चुपचाप इस पूरे बॉन्ड को खरीद लिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय ने LIC को ये प्रस्ताव दिया था कि वो अपने बॉन्ड निवेश को ASPEZ और अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में निवेश करे, क्योंकि इससे सरकारी प्रतिभूतियों की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है।
LIC
LIC ने रिपोर्ट को गलत बताया
LIC ने कहा कि उसके सारे निवेश पूरी ईमानदारी और जांच के बाद किए जाते हैं। LIC ने कहा कि रिपोर्ट में बताए गए किसी भी ऐसे दस्तावेज या योजना को LIC ने कभी तैयार नहीं किया, जो अडाणी समूह में निवेश से जुड़ी हो। LIC ने कहा कि ये रिपोर्ट उसकी फैसला लेने की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने, छवि खराब करने और भारत के मजबूत वित्तीय क्षेत्र की बुनियाद को खराब करने के मकसद से जारी की गई है।
कांग्रेस
कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना
कांग्रेस ने लिखा, 'नरेंद्र मोदी ने अपने दोस्त अडानी को करोड़ों रुपये LIC से निकालकर दिए। LIC में आपका पैसा लगा है, जनता का पैसा लगा है। मोदी ने जनता का पैसा अपने दोस्त पर लुटा दिया। क्या न्यूज चैनल ये खबर दिखाएंगे? क्या MODANI के इस भ्रष्टाचार की बात होगी? नरेंद्र मोदी अपने 'परम मित्र' अडानी के लिए कुछ भी कर सकते हैं। वो देशवासियों की गाढ़ी कमाई को भी दांव पर लगा सकते हैं।'