भारत की GDP विकास दर में गिरावट, तीसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रही
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास दर में तीसरी तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के लिए GDP की वृद्धि दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत की तुलना में 4.4 प्रतिशत पर आ गई। गिरावट के बावजूद सालाना अनुमानित GDP विकास दर 7 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बनी हुई है, जबकि देश का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 67.8 प्रतिशत पर पहुंच गया।
क्या कहते हैं आंकड़े?
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में भारत की वास्तविक GDP 40.19 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की तीसरी तिमाही में 38.51 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 4.4 प्रतिशत ज्यादा है। नॉमिनल GDP की बात करें तो ये पिछले साल 62.99 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल बढ़कर 69.38 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
RBI के अनुमान के मुताबिक रही विकास दर
बता दें कि तीसरी तिमाही में भारत की विकास दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान के मुताबिक रही है। दिसंबर में मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद RBI ने तीसरी तिमाही में देश की विकास दर 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इसके अलावा RBI ने जनवरी से मार्च की आखिरी तिमाही में विकास दर 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान भी लगाया है।
लगातार 2 तिमाही से घट रही है भारत की विकास दर
गौरतलब है कि भारत की विकास दर पिछले दो तिमाही से गिर रही है। अप्रैल से जून की साल की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 13.5 प्रतिशत रही थी। कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार कम होने के कारण इतनी बड़ी वृद्धि देखी गई थी। इसके बाद जुलाई से सितंबर की तिमाही में देश की विकास दर गिरकर 6.3 प्रतिशत पर आ गई थी।
अन्य देशों के मुकाबले अच्छी बनी हुई भारतीय अर्थव्यवस्था
इस गिरावट के बावजूद अन्य देशों के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी बनी हुई है। दुनियाभर की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में इस समय मंदी आई हुई है और विश्व बैंक से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) तक स्थिति और विकट होने की आशंका जता चुके हैं। इस मंदी के बीच भारत को एक उम्मीद की किरण के तौर पर देखा जा रहा है और विश्व बैंक ने अगले साल भारत की विकास दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।