
भारत के सबसे अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप की सूची जारी, जानिए कौन है सबसे ऊपर
क्या है खबर?
हुरुन इंडिया यूनिकॉर्न रिपोर्ट 2025 में देश के सबसे बड़े मूल्यांकन वाले 10 स्टार्टअप्स का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु और गुरुग्राम इस सूची में प्रमुख केंद्र बने हुए हैं। टेक्नोलॉजी, फिनटेक और ई-कॉमर्स से जुड़ी कंपनियों ने सबसे ज्यादा स्थान हासिल किए हैं। इन स्टार्टअप्स ने तेजी से बढ़ते भारतीय डिजिटल बाजार और निवेशकों के भरोसे के कारण अरबों डॉलर का मूल्यांकन पाया है, जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की मजबूती को दिखाता है।
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जेरोधा, रेजरपे और लेंसकार्ट का दबदबा
सबसे ऊपर बेंगलुरु की कंपनी जेरोधा है, जिसका मूल्यांकन 8.2 अरब डॉलर (लगभग 72,000 करोड़ रुपये) है। इसे नितिन और निखिल कामथ ने 2010 में शुरू किया था। फिनटेक कंपनी रेजरपे 7.5 अरब डॉलर (लगभग 66,000 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन के साथ दूसरे स्थान पर है, जिसकी स्थापना 2014 में हुई थी। लेंसकार्ट 7.5 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है। 2010 में शुरू हुआ यह आईवियर ब्रांड 17,600 कर्मचारियों के साथ देश का सबसे बड़ा यूनिकॉर्न नियोक्ता बन गया है।
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ग्रो और जेप्टो की तेज बढ़त
2016 में शुरू हुआ निवेश प्लेटफॉर्म ग्रो 7 अरब डॉलर (लगभग 62,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है। 2021 में स्थापित क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो ने सिर्फ 2 वर्षों में 5.9 अरब डॉलर (लगभग 52,000 करोड़ रुपये) का मूल्यांकन हासिल कर लिया है। आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा की यह कंपनी 120 प्रतिशत राजस्व वृद्धि के साथ भारत की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इंटरनेट कंपनियों में शामिल हो गई है।
#3
इनमोबी और ऑफ बिजनेस का विस्तार
मोबाइल विज्ञापन में अग्रणी इनमोबी का मूल्यांकन 5 अरब डॉलर (लगभग 44,000 करोड़ रुपये) है। इसे 2007 में अभय सिंघल, मोहित सक्सेना, नवीन तिवारी और पीयूष शाह ने शुरू किया था। गुरुग्राम स्थित ऑफ बिजनेस भी 5 अरब डॉलर के साथ सूची में है। आशीष महापात्रा और रुचि कालरा द्वारा 2015 में स्थापित इस कंपनी के पास 17,000 कर्मचारी हैं। इसका एंटरप्राइज मॉडल B2B बाजार की संभावनाओं को दर्शाता है और इसे भारत के बड़े यूनिकॉर्न नियोक्ताओं में रखता है।
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आइसर्टिस, प्रिज्म और मीशो शामिल
कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट फर्म आइसर्टिस का मूल्यांकन 5 अरब डॉलर है और इसका भारत में बड़ा परिचालन है। गुरुग्राम का हॉस्पिटैलिटी ब्रांड प्रिज्म (ओयो) भी 5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है और 3.7 अरब डॉलर (लगभग 33,000 करोड़ रुपये) की फंडिंग हासिल कर चुका है। ई-कॉमर्स कंपनी मीशो 3.9 अरब डॉलर के साथ इस सूची में अंतिम स्थान पर है। बेंगलुरु में मुख्यालय वाली मीशो छोटे विक्रेताओं और उद्यमियों को सशक्त बनाती है और 5,000 कर्मचारियों को रोजगार देती है।