
त्योहारी सीजन से पहले सोने की बढ़ती कीमतें मांग को कितनी कर सकती हैं प्रभावित?
क्या है खबर?
सोने की कीमतें इस समय तेजी से बढ़ रही हैं। इस हफ्ते 9 सितंबर को सोना 1,09,840 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड पर पहुंचा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने इस बढ़त को और मजबूत किया। हालांकि, कमजोर मांग और नए संकेतों की कमी से 2 दिन में कीमतें आज लगभग 1,000 रुपये गिरकर 1,08,760 रुपये पर आ गईं हैं।
असर
मांग पर बढ़ती कीमतों का असर
त्योहारी सीजन के बावजूद सोने की मांग पर ऊंची कीमतों का असर दिख रहा है। पिछले साल की तुलना में इस समय सोने की कीमतें लगभग 20 से 22 प्रतिशत अधिक हैं, जिससे खरीदारी महंगी हो गई है। उपभोक्ता ऊंचे दामों के कारण खरीदारी कम कर रहे हैं या हल्के डिजाइन चुन रहे हैं। शादी और त्योहारों के कारण जरूरी खरीदारी तो होगी, लेकिन विवेकाधीन खरीदारी में कमी आने की संभावना जताई जा रही है।
रुझान
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की रुझान
ग्रामीण इलाकों में ऊंची कीमतों के कारण सामर्थ्य का दबाव साफ दिख रहा है। वहीं शहरी खरीदार भी खरीदारी को टाल सकते हैं। उद्योग के शुरुआती आकलन के मुताबिक, आभूषणों की मांग मात्रा के लिहाज से 15 से 20 प्रतिशत तक कम हो सकती है। लोगों की बढ़ती लागत और महंगाई ने सोने के पारंपरिक आकर्षण को कुछ हद तक कम कर दिया है, जिससे बिक्री पर सीधा असर पड़ रहा है।
संभावनाएं
भविष्य की संभावनाएं
रिपोर्टों के अनुसार, भारत में 2025 में सोने की मांग 5 साल के निचले स्तर पर पहुंच सकती है। साल भर में कुल मांग 600 से 700 मीट्रिक टन तक रह सकती है, जो पिछले वर्ष के 802 टन से कम है। निवेशकों की हल्की बढ़त के बावजूद आभूषणों की धीमी मांग पूरी स्थिति को प्रभावित कर रही है। वैश्विक आर्थिक संकेत और त्योहारों का मौसम आगे कीमतों और मांग, दोनों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।