कॉइनबेस कर रही भारत में वापसी की तैयारी, सभी नियमों का करेगी पालन
क्या है खबर?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनबेस भारत में फिर से अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है।
यह अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंज भारत के वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) और अन्य सरकारी एजेंसियों से मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।
इससे पहले 2022 में कॉइनबेस ने भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के साथ सेवाएं शुरू की थीं, लेकिन 3 दिन बाद ही इसे बंद करना पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दबाव के कारण एक्सचेंज को अपना संचालन रोकना पड़ा था।
नियम
नियमों का पालन कर भारत लौटेगी कॉइनबेस
कॉइनबेस अब FIU से लाइसेंस लेकर भारत में काम करने की योजना बना रही है।
बिनेंस और क्रैकन जैसे अन्य एक्सचेंज पहले अवैध रूप से काम कर रहे थे, लेकिन FIU के नियमों को पूरा करने के बाद उन्हें दोबारा अनुमति मिली।
भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन सरकार ने क्रिप्टो आय पर 30 प्रतिशत कर और हर लेनदेन पर 1 प्रतिशत कटौती लागू कर रखी है। इससे भारतीय बाजार छोटे स्तर पर सीमित हो गया है।
संभावनाएं
भारतीय क्रिप्टो बाजार में कॉइनबेस की संभावनाएं
कॉइनबेस भारतीय बाजार में अवसर देख रही है और नियामक आवश्यकताओं का पालन करने के लिए तैयार है।
कंपनी के मुख्य कानूनी अधिकारी पॉल ग्रेवाल भारत-अमेरिका व्यापार काउंसिल के निदेशक मंडल में शामिल हुए हैं। भारत वेब-3 इकोसिस्टम में तेजी से बढ़ रहा है और दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो डेवलपर समुदायों में से एक बन चुका है।
कॉइनबेस की वापसी से भारतीय एक्सचेंज वज़ीरएक्स के गिरने के बाद बनी खाली जगह भरने में मदद मिल सकती है।