BYJU'S अपने बिजनेस का कर रही पुनर्गठन, हुए ये बदलाव
मुश्किलों से घिरी एडटेक कंपनी BYJU'S ने बताया कि पुनर्गठन के हिस्से के रूप में 3 वरिष्ठ अधिकारी कंपनी छोड़ रहे हैं। BYJU'S के मुताबिक, कक्षा 4 -10 के स्कूल सेगमेंट की देखरेख करने वाले मुकुट दीपक, ट्यूशन सेंटर के प्रमुख हिमांशु बजाज और बायजू की मुख्य बिजनेस ऑफिसर प्रत्युषा अग्रवाल ने कंपनी छोड़ दी है। इसके अलावा पुनर्गठन के हिस्से के रूप में BYJU'S अपने 4 वर्टिकल को 2 वर्टिकल K-10 और एग्जाम प्रेप में सीमित करेगी।
इन मामलों को लेकर जांच के दायरे में है BYJU'S
BYJU'S के प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में अनुभवी और वरिष्ठ कर्मचारी रमेश कर्रा और जितेश शाह 2 अलग-अलग वर्टिकल का नेतृत्व कर रहे हैं। रमेश K-10 का और जितेश एग्जाम प्रेपरेशन वर्टिकल का नेतृत्व कर रहे हैं। BYJU'S का पुनर्गठन ऐसे समय में हो रहा है, जब कंपनी फाइनेंशियल रिजल्ट जारी करने में देरी, प्रमुख बोर्ड सदस्यों और उसके ऑडिटर के इस्तीफे और प्रमुख निवेशकों द्वारा मूल्यांकन में कटौती और जांच आदि को लेकर मुश्किलें झेल रही हैं।
ऑडिट करने वाली कंपनी डेलॉइट ने BYJU'S को छोड़ा
BYJU'S ने कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते धंधा प्रभावित होने से इस साल हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। यह कई कानूनी और वित्तीय समस्याओं से जूझ रहा है। डेलॉइट और 3 प्रमुख बोर्ड सदस्यों ने कंपनी के भीतर विभिन्न चिंताओं की ओर इशारा करते हुए हाल ही में BYJU'S से इस्तीफा दिया। डेलॉइट को 2025 तक बायजू का ऑडिट करना था, लेकिन उसने लंबे समय से विलंबित वित्तीय कारणों के चलते कंपनी को छोड़ दिया।
सितंबर में दाखिल कर सकती है 2022 की कमाई
पिछले महीने एक बयान में निवेशक प्रोसस ने आरोप लगाया कि बायजू की रिपोर्टिंग और प्रशासन संरचनाएं उस पैमाने की कंपनी के लिए पर्याप्त रूप नहीं थीं। इसके साथ ही उसने आरोप लगाया कि BYJU'S ने बार-बार प्रयासों के बावजूद प्रोसस के निदेशक की सलाह और सिफारिशों की अनदेखी की। इससे BYJU'S की चुनौतियां कई गुना बढ़ गईं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि BYJU'S सितंबर तक 2022 की ऑडिटेड कमाई और दिसंबर तक 2023 के नतीजे दाखिल करेगी।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
BYJU'S की वैल्यूएशन काफी गिर गई है और ED जैसी सरकारी एजेंसियां BYJU'S की जांच कर रही हैं। कोरोना के दौरान स्कूल-कॉलेज बंद होने से तेजी से बढ़ी BYJU'S ने व्हाइटहैट जूनियर, आकाश सहित कई अधिग्रहण किए। महामारी की स्थिति में सुधार के साथ ही इसकी कमाई पर असर पड़ा। जानकारों का कहना है कि इसने ब्रांडिंग और विज्ञापन पर काफी ज्यादा पैसे खर्च किए। BYJU'S पर वित्तीय हेरफेर और समय पर लोन न चुकाने के आरोप भी लगे हैं।