
किन आदतों को अपनाकर हम अपने रोजाना के खर्च को कर सकते हैं कम?
क्या है खबर?
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम समय को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं।
इसी वजह से कई बार हम कोई काम आसानी से निपटाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च कर देते हैं। छोटी-छोटी सुविधाओं या आदतों में हमारा पैसा लगातार बहता है।
ये खर्च दिखते तो कम हैं, लेकिन महीने के अंत में बड़ा असर डालते हैं। इनसे बचना आसान है, बस थोड़ी समझदारी और कुछ आदतें बदलने की जरूरत है।
#1
हर खर्च का हिसाब रखना है जरूरी
अगर आप रोजमर्रा के खर्चों को कम करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने हर खर्च का रिकॉर्ड रखें। चाहे चाय पर खर्च किया गया 10 रुपये हो या ऑनलाइन शॉपिंग पर 500, सब कुछ लिखें।
मोबाइल ऐप या डायरी में इसका हिसाब रखने से यह साफ दिखने लगेगा कि कहां अनावश्यक खर्च हो रहा है। जब खर्च दिखने लगता है, तब उसे कम करना भी आसान हो जाता है।
#2
जरूरत और चाहत में फर्क समझें
कई बार हम चीजें सिर्फ इसलिए खरीद लेते हैं, क्योंकि वे दिखने में अच्छी होती हैं या सबके पास होती हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वो हमारी जरूरत भी हों।
खर्च से पहले खुद से पूछें कि क्या ये वाकई जरूरी है? अगर जवाब ना है, तो उसे टाल दें।
यह आदत धीरे-धीरे आपके फालतू खर्चों को बहुत हद तक कम कर सकती है और बजट संतुलित रखने में मदद करेगी।
#3
घर का खाना और स्मार्ट खरीदारी
हर बार बाहर का खाना मंगवाना या होटल जाना जेब पर भारी पड़ता है। घर का बना खाना न केवल सेहतमंद होता है, बल्कि सस्ता भी पड़ता है।
इसके अलावा, जरूरत का सामान छूट में खरीदना, थोक में लेना और ऑफर का इस्तेमाल करना भी खर्च घटा सकता है।
कभी भी पहले से प्लानिंग करने पर आपको बार-बार बाजार जाने की जरूरत नहीं पड़ती और पैसों की बचत होती है।
#4
इलेक्ट्रॉनिक्स और सब्सक्रिप्शन पर नजर रखें
बिजली की बर्बादी और गैरजरूरी सब्सक्रिप्शन हमारे खर्च को धीरे-धीरे बढ़ा देते हैं।
अक्सर लाइटें, पंखे या चार्जर यूं ही चलते रहते हैं, जिनसे बिजली का बिल बढ़ता है। इसी तरह कई बार हम OTT या ऐप्स की ऐसी मेंबरशिप लिए रहते हैं जिनका हम उपयोग ही नहीं करते।
इन्हें समय रहते बंद करना चाहिए। ये छोटे कदम दिखने में मामूली लगते हैं, लेकिन हर महीने कुछ न कुछ बचत जरूर करा सकते हैं।
#5
ऑनलाइन और नकद खर्चों में कैसे करें बचत
UPI पेमेंट करते वक्त पैसे खर्च करने का एहसास कम होता है, जिससे हम जरूरत से ज्यादा खर्च कर बैठते हैं।
हर बार खरीदारी से पहले बजट तय करें और उसी तक सीमित रहें। वहीं, नकद खर्च पर भी नजर रखें, क्योंकि छोटे-छोटे कैश खर्च जैसे ऑटो, चाय या स्ट्रीट फूड मिलाकर बड़ा हिस्सा ले लेते हैं।
हर हफ्ते एक तय सीमा में नकद निकालें और उसी से काम चलाएं, इससे फालतू खर्च आसानी से रुकेगा।