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खिड़कियां खोलकर कार चलाने से सुनने की क्षमता पर क्या पड़ता है असर? यहां समझिए 
खिड़कियां खुली होने से कार में शोर का स्तर बढ़ जाता है (तस्वीर: फ्रीपिक)

खिड़कियां खोलकर कार चलाने से सुनने की क्षमता पर क्या पड़ता है असर? यहां समझिए 

Aug 24, 2024
02:42 pm

क्या है खबर?

अधिकांश लोग एयर कंडीशनर चलाने से होने वाला पेट्रोल-डीजल का खर्चा बचाने के लिए खिड़कियां खोलकर गाड़ी चलाते हैं। कुछ लोग मौसम का लुत्फ उठाने के लिए ऐसा करते हैं। क्या आप जानते हैं ऐसा करना कई परेशानियों का कारण बन सकता है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि खुली खिड़कियों के साथ कार चलाने से श्रवण शक्ति कमजोर पड़ सकती है। आइये जानते हैं खिड़कियों के शीशे खोलकर गाड़ी चलाने पर सुनने की क्षमता कैसे प्रभावित होती है।

शोर का स्तर 

शीशे खोलकर कार चलाने से इतना पैदा होता है शोर 

पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियां 85 डेसिबल तक शोर पैदा करती हैं। जब आप खिड़कियों के शीशे खोलकर तेज गति में कार चलाते हैं तो यह स्तर 89 तक बढ़ जाता है। गाड़ी के ऊपर से गुजरने वाली हवा से होने वाली घरघराहट और सीटी की आवाज से शोर स्तर और बढ़ जाता है। भारी यातायात की स्थिति में यह स्तर 100 डेसिबल पार कर जाता है, जबकि हाइवे पर पास से गुजरते वाहन इसमें और इजाफा कर देते हैं।

नुकसान 

श्रवण शक्ति को यह होता है नुकसान 

जानकारों की मानें तो 85 डेसिबल तक के शोर के संपर्क में कोई लगातार 8 घंटे तक रहता है, तो उसे सुनने में समस्या होने लगती है। दूसरी तरफ शोर का स्तर 100 डेसिबल है तो यह महज 15 मिनट में आपकी श्रवण क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, खिड़कियों के शीशे खोलकर कार चलाने से बचना चाहिए। अगर, जरूरी हो तो अलग-अलग खिड़कियों के शीशों को बारी-बारी से आधा से भी कम खोलना चाहिए।