सीरिया में अलावी समुदाय कौन हैं और उन पर क्यों हो रहे हैं हमले?
क्या है खबर?
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद का शासन खत्म होने के बाद अलावी समुदाय के लोगों पर हमले हो रहे हैं। बीते 2 दिन में अलावी और सुन्नी समुदाय के बीच झड़प में कम से कम 1,000 लोग मारे गए हैं।
अलावी समुदाय राष्ट्रपति असद का करीबी रहा है, लेकिन उनके अपदस्थ होने के बाद इस समुदाय पर बदले के तहत किए जा रहे हमले तेज हो गए हैं।
आइए जानते हैं अलावी समुदाय कौन हैं।
अलावी समुदाय
कौन है अलावी समुदाय के लोग?
अलावी सीरिया में धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, जो मोटे तौर पर शिया संप्रदाय से हैं। इनकी आबादी लगभग 12 प्रतिशत हैं।
ये लोग मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी तट पर लताकिया के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। माना जाता है कि इस संप्रदाय की स्थापना इब्न नुसेयर ने की थी, जिन्हें 10वें और 11वें शिया इमामों का शिष्य माना जाता है।
सीरिया में अलावियों के 2 अलग-अलग गुट हैं, जिसमें से एक अधिक रूढ़ीवादी और दूसरा उदार है।
शासन
दशकों तक सीरिया में अहम पदों पर रहे हैं अलावी
1946 में सीरिया आजाद हुआ। उसके बाद 1955 तक करीब 65 प्रतिशत सरकारी पद अलावियों के हाथों में थे।
1963 में सीरिया में हुए तख्तापलट में भी 3 अलावी सेना अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई थी। इनमें से एक हाफिज असद ने आगे चलकर 1971 में सीरिया की सत्ता संभाली। हाफिज असद बशर अल असद के पिता थे।
इस दौरान कई बार सुन्नी और अलावी में संघर्ष हुए।
1982 में अकेले हमा शहर में करीब 25,000 लोग मारे गए थे।
हमले
अलावियों पर क्यों हो रहे हैं हमले?
अलावियों को राष्ट्रपति असद का करीबी माना जाता है।
असद के शासन के दौरान सेना से लेकर प्रशासन तक के अहम पदों पर अलावियों का कब्जा था। अलावियों ने कई दशकों तक सीरिया में सैन्य रणनीति से लेकर शासन-प्रशासन में सीधा हस्तक्षेप रखा है। इस दौरान सुन्नी लोगों पर कई अत्याचार किए गए और उन्हें जेलों में रखा गया।
असद का शासन खत्म होने के बाद अलावियों पर बदले के तहत हमले हो रहे हैं।
मौत
2 दिन में हजार से ज्यादा की मौत
सीरिया में बीते 2 दिनों से बशर अल-असद के समर्थक और सुरक्षाबलों के बीच भीषण में करीब एक हजार लोगों की मौत हो गई है। ये बीते 14 साल में सीरिया में हुई सबसे भीषण हिंसा है।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि मृतकों में 745 नागरिक शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश को करीब से गोली मारी गई है। इसके अलावा 125 सरकारी सुरक्षाकर्मी और असद से जुड़े सशस्त्र समूहों के 148 आतंकवादी भी शामिल हैं।