#NewsBytesExplainer: हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है और यह किस तरह से काम करता है?
देश में एक बार फिर हिंडनबर्ग रिसर्च को लेकर चर्चाएं तेज हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी नई रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की प्रमुख माधबी पुरी बुच पर अडाणी समूह से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी के आरोप लगाए हैं। इससे पहले अडाणी समूह को लेकर जारी की गई रिपोर्ट को लेकर भी हिंडनबर्ग खूब चर्चित हुआ था। आइए जानते हैं आखिर ये हिंडनबर्ग रिसर्च है क्या।
क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?
हिंडनबर्ग एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। कंपनी का कहना है कि वो वित्तीय घोटालों, कॉर्पोरेट गड़बड़ियों और संभावित धोखाधड़ी की गतिविधियों का पर्दाफाश करने में माहिर है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य उन कंपनियों को बेनकाब करना है, जो निवेशकों को गुमराह कर सकती हैं। हिंडनबर्ग शॉर्ट सेलिंग कर वित्तीय लाभ भी कमाती है। अब तक कई कंपनियों के बारे में हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट प्रकाशित की है।
कौन हैं नाथन एंडरसन?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंडरसन की उम्र 38 साल बताई जाती है। उन्होंने अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से इंटरनेशल बिजनेस में पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने डेटा रिसर्च और फाइनेंशियल एनालिटिक्स के क्षेत्र में काम किया है। कहा जाता है कि यहीं से उन्हें मार्केट रिसर्च कंपनी शुरू करने का आइडिया मिला। एंडरसन और उनकी कंपनी ज्यादातर काम गोपनीय रखती है, इसलिए उनके बारे में ज्यादा जानकारी भी नहीं है। एंडरसन की संपत्ति करीब 42 करोड़ रुपये बताई जाती है।
हिंडनबर्ग नाम के पीछे भी है दिलचस्प कहानी
कंपनी का नाम 1937 में हुई एक एयरशिप दुर्घटना के नाम पर रखा गया है। दरअसल, 6 मई, 1937 को LZ129 हिंडनबर्ग अमेरिका के न्यू जर्सी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। ये उस समय का सबसे बड़ा और आधुनिक विमान था। एंडरसन ने अपनी कंपनी का नाम हिंडनबर्ग इसलिए रखा, ताकि इससे प्रतीकात्मक संदेश दिया जा सके कि जिन कंपनियों पर वे रिपोर्ट जारी करते हैं, वे भी इस विमान की तरह विनाशकारी रूप से गिर सकती हैं।
कैसे काम करती है हिंडनबर्ग?
हिंडनबर्ग कई पैमानों पर किसी कंपनी की रिपोर्ट बनाती है। मोटे तौर पर इनमें 3 चीजें शामिल होती हैं। पहली- कंपनी में निवेश के आंकड़ों का विश्लेषण, दूसरा- खोजी रिसर्च और तीसरा- सूत्रों से मिली गुप्त जानकारी। आमतौर पर हिंडनबर्ग गुप्त जानकारी के लिए व्हिसल ब्लोओर की मदद लेती है। एक रिपोर्ट में कंपनी के बहीखाते में अनियमितताएं, अहम पदों पर नियुक्त लोगों की पृष्ठभूमि, अघोषित लेनदेन और गैरकानूनी या अनैतिक व्यापार को खंगाला जाता है।
कैसे कमाई करती है हिंडनबर्ग?
हिंडनबर्ग की कमाई मुख्य तौर पर शॉर्ट सेलिंग से होती है। शॉर्ट सेलिंग ऐसी रणनीति होती है, जब निवेशक बाजार या शेयर में गिरावट से कमाई करते हैं। निवेशकों को लगता है कि ये शेयर गिरने वाला है तो वे उसे बेच देते हैं और जब शेयर की कीमत वास्तविकता में गिर जाती है तो उसे खरीद लेते हैं। इसके अलावा रिसर्च और डेटा एनालिसिस और कंपनियों की वित्तीय गड़बड़ियों पर भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी करती है।
इन रिपोर्ट्स को लेकर चर्चा में रहा हिंडनबर्ग
हिंडनबर्ग अडाणी समूह समेत अब तक 19 कंपनियों पर रिपोर्ट जारी कर चुका है। इनमें से ज्यादातर कंपनियां अमेरिका की ही थीं। हिंडनबर्ग की सबसे चर्चित रिपोर्ट अमेरिकी ऑटो कंपनी निकोला को लेकर थी। इसके बाद निकोला के शेयर 80 प्रतिशत तक टूट गए थे और कंपनी संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष ट्रेवर मिल्टन को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके अलावा लॉर्डस्टाउन मोटर्स, रॉयट ब्लॉकचेन, ओप्को हेल्थ, जीनियर ब्रांड्स समेत कई कंपनियों को हिंडनबर्ग निशाने पर ले चुकी है।
हिंडनबर्ग पर भी उठते रहे हैं सवाल
हिंडनबर्ग भले ही दूसरी कंपनियों में वित्तीय गड़बड़ियों को उजागर करता है, लेकिन खुद उस पर भी सवाल उठते रहे हैं। पिछले साल अमेरिका के न्याय विभाग ने 30 इन्वेस्टमेंट एवं रिसर्च कंपनियों और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ जांच शुरू की थी। इसमें हिंडनबर्ग का नाम भी शामिल था। इसके अलावा शॉर्ट सेलिंग तकनीक पर भी सवाल उठते रहे हैं। 2021 में एलन मस्क ने शॉर्ट सेलिंग को एक घोटाला बताया था।